पटना/मुजफ्फरपुर, 25 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार बिहार दौरे पर आए नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पटना में पांच केंद्रीय योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया तथा मुजफ्फरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर जमकर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में रेलवे, ऊर्जा व मानव संसाधन मंत्रालय की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हुए कहा कि विकास का कोई विकल्प नहीं है और यह सभी दुखों की दवा है। गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा से लड़ने के लिए भी विकास आवश्यक है।
उन्होंने कहा, “यह खुशी की बात है कि राज्यों में भी विकास को लेकर स्पर्धा होने लगी है। जब तक राज्य का विकास नहीं होगा, तब तक देश विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकेगा। अब दिल्ली में बैठकर योजनाएं बनाने का वक्त पूरा हो गया। राज्यों की योजनाओं के जरिये दिल्ली को भी आगे बढ़ना होगा।”
इससे पूर्व मोदी विशेष विमान से पटना हवाईअड्डे पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत किया गया। मोदी के आगमन को लेकर बिहार में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए।
मोदी ने कार्यक्रम के दौरान पटना स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के नए परिसर का उद्घाटन किया और इंक्यूबेशन सेंटर का शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि में सरस्वती वास करती हैं। यहां के नौजवान तेजस्वी हैं। इस कारण आईआईटी के इंक्यूबेशन सेंटर से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि पूरे देश में गरीबों को उनका हक मिलेगा।
मोदी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए वित्त आयोग 3़ 75 लाख करोड़ रुपये 2015-2020 के बीच देगा। उन्होंने कहा कि जब तक राज्यों की प्रगति नहीं होगी, देश आगे नहीं बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले राज्य को 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देने की बात कही गई थी, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। वह जल्द ही न केवल अपना वादा पूरा करेंगे, बल्कि उससे कहीं ज्यादा काम बिहार के लिए करेंगे।
मोदी ने इस दौरान बिहार में 38 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन का उद्घाटन किया तथा दो नई रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उनके साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने 2,050 किलोमीटर लंबी जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन के प्रथम चरण के कार्य का भी शिलान्यास किया। यह पाइपलाइन बिहार के 13 जिलों से होकर गुजरेगी। इस क्रम में उन्होंने ऊर्जा मंत्रालय की दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना का भी शुभारंभ किया।
इसके बाद मोदी पटना में आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 87 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने वैज्ञानिकों से वैश्विक परिवेश को ध्यान में रखते हुए मिलकर प्राथमिकता तय करने की अपील की। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में चार क्रांतियों की जरूरत बताते हुए कहा कि आज ऊर्जा क्रांति, हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और नील क्रांति की जरूरत है। इन सभी क्षेत्रों में विकास होने से ही देश आगे बढ़ेगा।
मोदी ने इस समारोह में 18 विभिन्न श्रेणियों में 82 लोगों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। पुरस्कृत होने वालों में 55 वैज्ञानिक, सात किसान और छह पत्रकार शामिल थे। इन मौकों पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री इन सरकारी कार्यक्रमों के बाद मुजफ्फरपुर पहुंचे, जहां चक्कर मैदान में राजग द्वारा आयोजित ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के राजनीतिक डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है, इसलिए उन्होंने उन दोस्तों को दगा दे दिया जो उनके साथ काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “एक समय नीतीश ने न्योता देकर भोज रद्द कर दिया, इसके बाद 17 वर्षो का भाजपा-जद (यू) गठबंधन तोड़ दिया। उस समय मुझे दुख हुआ था, लेकिन जब उन्होंने जीतन राम मांझी जैसे महादलित के साथ भी ऐसा किया, तब मैंने सोचा की उनके राजनीतिक डीएनए में ही कुछ गड़बड़ है।”
उन्होंने कहा कि उन लोगों के साथ क्या हुआ, जिन्होंने कभी मुख्यमंत्री के साथ काम किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री जर्ज फर्नाडीस व सुशील कुमार मोदी के साथ भी ऐसा ही हुआ जो कभी नीतीश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते थे। इससे पता चलता है कि उनके (नीतीश) डीएनए में कुछ गड़बड़ है।
उन्होंने कहा कि अब बिहार के लोग जंगलराज से मुक्ति चाहते हैं। यहां के लोगों को जोश अगर राजनीतिक पंडित देख लें तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार में अगली सरकार किसकी बनने वाली है।
मोदी ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा, “समय कैसे बदलता है। कुछ महीने पूर्व तक वे कहते थे कि बिहार में एक ही मोदी (सुशील मोदी) काफी हैं और आज 13 महीने नहीं आया तो उन्हें विरह दर्द होने लगा। वैसे अब नीतीश को ज्यादा विरह दर्द नहीं झेलना पड़ेगा, क्योंकि अब मैं आ गया हूं।”
मोदी ने नीतीश पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले चुनाव में उन्होंने वादा किया था कि बिजली नहीं तो वोट मांगने नहीं आऊंगा, लेकिन अभी भी बिहार में बिजली की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है, मगर वोट मांगने लगे हैं। ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि जनता मौका दे, वह 60 महीने में उसके सपने पूरे कर देंगे। बिहार के गौरव को वापस लाना है। मोदी ने राजद पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राजद का सही और पूरा अर्थ ‘रोजना जंगलराज का डर’ होता है।
इस मौके पर भाजपा के कई मंत्री सहित राजग में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान और हिन्दुस्तानी आवमा मोर्चा (हम) के नेता जीतन राम मांझी भी उपस्थित रहे।