कोलकाता, 25 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ब्रिटेन दौरे से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को उनके दौरे पर सवाल उठाया और राज्य में अनुकूल औद्योगिक माहौल की कमी पर दुख जाहिर किया।
शहरी विकास राज्य मंत्री सुप्रियो ने कहा, “लोग उनके सिंगापुर दौर से मिलने वाले लाभ का अभी भी इंतजार कर रहे हैं, वह अब 100 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ लंदन जा रही है, जो कि राजकोष पर निर्थक भार है। जब राज्य के लोग असंतुष्ट हैं तो फिर विदेश दौरे का क्या मतलब है।”
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के कर्मचारियों को 49 फीसदी महंगाई भत्ता अभी भी नहीं मिला और लोगों में असंतोष बढ़ रहा है। इसलिए जब बंगाल के लोग ही संतुष्ट नहीं तो, फिर कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि विदेशी यहां निवेश करेंगे।”
आसनसोल से सांसद सुप्र्रियो ने कहा कि राजनीतिक छल-कपट ने पूर्वी राज्यों, विशेषकर बंगाल के विकास को रोक दिया है।
उन्होंने कहा, “जमीनी स्तर पर काफी समस्या है, चाहे वह व्यवसायी संघ हो या फिर व्यवसाय में सरलता की कमी, यह वास्तव में बंगाल में निवेश को आने से रोक रहे हैं।”
सुप्रियो ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश का एक हिस्सा राजनीतिक छल-कपट के कारण वंचित रहा है। बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां बंद हुई हैं।”
वहीं, अर्थशास्त्री और नीति आयोग के सदस्य विबेक देबरॉय ने भी इसी सुर में कहा कि सरकार को औद्योगिक विकास के लिए अच्छा माहौल तैयार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “यह आमतौर पर कहा जाता है कि लक्ष्मी और सरस्वती कभी साथ नहीं रहती। लेकिन एक बार पश्चिम बंगाल में दोनों साथ रहती थीं। यह अलग सवाल है कि ये बंगाल से क्यों दूर हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि इन्हें वापस लाया जा सकता है।”
सुप्रियो और देबरॉय ने ये बातें इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम के दौरान कही।
बनर्जी की छह दिवसीय यात्रा के दौरान वित्त मंत्री अमित मित्रा, आईटीसी के अध्यक्ष वाई.सी.देवेश्वर सहित अन्य उद्योगपति भी उनके साथ होंगे।
दौरे का फैसला ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन के न्योते पर किया गया है।