लखनऊ-अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद नाशिक में चल रहे कुंभ मेले में नई मुहिम शुरू करने वाला है। महाराष्ट्र के नाशिक में 14 जुलाई से शुरू हुए कुंभ मेले में फर्जी शंकराचायरें पर लगाम लगाने के लिए परिषद ने सभी अखाड़ों को निर्देश दिया है कि वे इस बार अखाड़े से जुड़े प्रमुख साधु-संतों के लिए पहचन पत्र जारी करें।
परिषद के अनुसार, बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया और इससे संबंधित पत्र सभी अखाड़ों को भेज दिया गया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि फर्जी शंकराचार्यो को रोकने के उद्देश्य से नाशिक कुंभ में पहचान पत्र की व्यवस्था की जा रही है।
नरेंद्र ने कहा, “इलाहाबाद में आयोजित हुए कुंभ मेले से सबक लेते हुए यह तय किया गया है कि सभी अखाड़े इस बार अपने अपने साधु संतों को प्रवेश पत्र जारी करेंगे। इससे फर्जी साधु संतों पर लगाम लगेगी।”
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ कुंभ से ऐसा देखा जा रहा था कि कई ऐसे लोग हैं जो अपने आपको अखाड़ों का सदस्य बताते हैं, लेकिन वास्तव में वह उसके सदस्य नहीं होते। इन चीजों पर रोक लगाने के लिए ही देश में पहली बार वे अखाड़ा परिषद से जुड़े साधुओं और शंकराचार्यों को आधार कार्ड और वोटर कार्ड की तर्ज पर एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इस आईकार्ड पर संबंधित अखाड़ों के अध्यक्ष और सचिव के दस्तखत होंगे।
नाशिक कुंभ की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है, लेकिन सभी अखाड़े 14 अगस्त को मेले में प्रवेश करेंगे। ऐसे में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी सात अगस्त को कुंभ में पहुंचेंगे और उसके बाद 10 तारीख से पहचान पत्र बंटने शुरू हो जाएंगे।
नाशिक कुंभ को लेकर नरेंद्र ने कुछ अनछुये पहलु भी उजागर किए। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में असली कुंभ तो नाशिक से 35 किलोमीटर दूर ‘त्रयम्बकेश्वर’ में लगता है। दरअसल आज से करीब 100 वर्ष पहले त्रयम्बकेश्वर में ही सभी 13 अखाड़ों का शाही स्नान होता था, लेकिन कुछ विवाद की वजह से इनमें से तीन अखाड़ों ने अपने आपको त्रयम्बकेश्वर कुंभ से अलग कर लिया।
नरेंद्र बताते हैं, “विवाद के बाद वैष्णव संप्रदाय के तीन प्रमख अखाड़े निर्मोही, निर्वाणी और द्गिम्बर अखाड़ों ने नाशिक में ही शाही स्नान करना शुरू कर दिया था। वही परंपरा आज तक चली आ रही है। ये तीनों अखाड़े आज भी नाशिक में ही शाही स्नान करते हैं, बाकी सभी 10 अखाड़े त्रयम्बकेश्वर में स्नान करते हैं।”
उन्होंने बताया कि नाशिक कुंभ 14 जुलाई से ही शुरू हो चुका है लेकिन पहला शाही स्नान 29 अगस्त को होगा। नरेंद्र गिरी ने बताया कि जल्द ही नागा संन्यासी नाशिक का रुख करेंगे।