(खुसुर-फुसुर)-इक और जहाँ भाजपा का शीर्ष प्रबंध व्यापम का आरोप शिवराज सिंह और अपने ऊपर लेने से मना कर रहा है वहीँ भाजपा का इक ऐसा धड़ भी है जो जमीन पर कार्य करता है वह भाजपा शीर्ष के विरोध में है.इक व्यापक सर्वे और कार्यकर्ताओं से पहचान छुपाने की शर्त पर की गयी बात-चीत से यह परिणाम आया की अधिकतर कार्यकर्ता शिवराज सिंह की मुख्यमंत्री पद से विदाई के पक्ष में हैं ताकि व्यापम की बदनामी से पार्टी को बचाया जा सके.
कार्यकर्ताओं का कहना है की एक भी ऐसा जमीनी कार्यकर्ता नहीं जो इसमें शामिल हो या जिसे व्यापम से लाभ मिला हो .तब क्यों हम जहर पियें.जिस पार्टी को पसीने से सींचा है उसकी बदनामी देखी नहीं जाती.आज जनता यह मान रही है की भाजपा की असलियत यही है जबकि असली भाजपा इस व्यापम के पीछे कहीं छुप सी गयी है.
लालकृष्ण आडवानी का वह बयान सच दिखने लगा है की भाजपा में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है.