नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका पर 20 जुलाई को सुनवाई करेगा, जिसमें उसने मध्य प्रदेश विशेष जांच दल (एसआईटी) को व्यापमं घोटाले में जांच खत्म किए जा चुके मामलों पर आरोप पत्र दाखिल करने की मंजूरी देने की मांग की है। न्यायालय से कहा गया कि ऐसा करना आवश्यक है, ताकि आरोपी गिरफ्तारी के 90 दिनों के बाद आरोप पत्र दाखिल करने में हो रही देरी को आधार बनाकर जमानत न ले सके।
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा तथा न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने कहा कि मामले पर 20 जुलाई को सुनवाई होगी, जिसके बाद अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएसजी) मनिंदर सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद व्यापमं के 185 मामलों की जांच एसआईटी से सीबीआई को स्थानांतरित किया गया है, जिसमें वक्त लगेगा।
एएसजी ने कहा कि 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में किसी भी प्रकार के विलंब का लाभ आरोपी ले सकता है और डिफॉल्ट जमानत की मांग कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायलय ने बीते नौ जुलाई को व्यापमं घोटाले की जांच को सीबीआई को सौंपा है।