जनपद के तेन्दुहान, मनराजपुर, मरूई, कल्याणपुर, छतेम, रेवसां, जेवरियाबाद, बरहनी, सुन्डेहरा, भतीजा, नेवादा, काजीपुर, प्रीतमपुर, सोगाई, भतखरी, नौबतपुर आदि क्षेत्रों में धान की रोपाई का कार्य जोरों पर चल रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस वर्ष मानसून समय से आया है। इसलिए धान के कटोरे में धान की फसल अच्छी होने की उम्मीद जगी है। किसानों का कहना है कि रोपाई के समय से ही क्षेत्रीय लोकगीत व कजरी आदि का प्रचलन काफी पुराना है। पहले बैल व हल से खेती की जाती थी, परन्तु अब ट्रैक्टर से खेती की जा रही है। लगातार हो रही बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। उमड़ते-घुमड़ते बादलों से खेतों में किसान जुट गए हैं। वे अपने खेतों पर जाकर रिमझिम फुहारों के बीच मेढ़बंधी करने में लग गए हैं।
पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे है। मौसम सुहाना बन गया है। प्रकृति की निराली छटा देखते ही बन रही है। खेतों की जुताई के लिए ट्रैक्टर लग गए हैं।
किसान अरविन्द का कहना है कि इन्द्रदेव की इस रिमझिम बारिश से खेतों में पानी भरपूर हो गया है। खेतों में पानी हो जाने से जुताई का कार्य शुरू हो गया है। जिन किसानों ने धान की नर्सरी नहीं डाली थी, अब वे भी नर्सरी डाल रहे है।
क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि मौसम अच्छा होने पर धान की नर्सरी दो सप्ताह के अन्दर तैयार हो जायेगी। तत्पश्चात धान की रोपाई का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। इस वर्ष समय से बरसात होने से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गयी है। किसानों को विश्वास है कि अब तक जो रबी व खरीफ के फसलों में नुकसान हुआ है उसकी भरपाई इस वर्ष हो जायेगी और खेतों में जल्द ही चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आएगी।