तेज बारिश के चलते कई जगहों पर हादसे हुए। सीतापुर में जहां तेज हवा और बारिश से जर्जर मकान गिरने पर पांच लोगों की दबकर मौत हो गई, वहीं अलीगढ़ में भी मकान की दीवार गिरने से चार लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा कानपुर, बदायूं में भी हादसे हुए हैं। लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी मानसून पूरे प्रदेश पर छा चुका है और उसका रुख सामान्य है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के ज्यादातर स्थानों पर बारिश हुई।
हादसों में गई 12 लोगों की जान
सूबे में बारिश हादसों का भी सबब बन रही है। बीती रात तेज बारिश और हवा से थाना इमलिया सुल्तानपुर में एक कच्चा मकान गिरा और मलबे में कई लोग दब गए। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया है। इसके अलावा इसी थानाक्षेत्र के तंबौर, महमूदाबाद और सदरपुर इलाके में भी पेड़ और बिजली के पोल गिरने की सूचना है।
अलीगढ़ में दो दिनों से हो रही बारिश ने चार लोगों की जिंदगी ले ली। ऊपर कोट में शनिवार रात एक पुरानी इमारत गिरने से तीन बच्चों सहित चार की मौत हो गई। हादसे में एक अन्य घायल है।
कानपुर में भी बारिश ने तबाही मचाई। यहां एक जर्जर मकान गिर गया। इस मकान में स्कूल और ऑफिस चल रहा था। मलबे में सात लोग फंसे हुए हैं। दो लोगों को राहत टीम ने सुरक्षित निकाल लिया है। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।
बदायूं में भी दो दिनों से बारिश की तबाही का सिलसिला जारी है। बारिश के चलते यहां मकान की दीवार गिर गई। हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 लोग घायल हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा आजमगढ़ में भी बारिश से तबाही मची। मेहनगर क्षेत्र में मकान की कच्ची दीवार गिर गई। हादसे में महिला की दबकर मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति घायल है।
बारिश दो-तीन दिन तक जारी रहने की संभावना
सूबे में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा भी हुई। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के मथुरा तथा नरौरा में सबसे ज्यादा 14-14 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा अनकिनघाट में 10, गुन्नौर, कन्नौज, इटावा तथा बिसौली में सात-सात, सुल्तानपुर, बदायूं और बरेली में छह-छह, सहसवान तथा ठाकुरद्वारा में पांच-पांच सेंटीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई।
अगले 24 घंटे के दौरान भी प्रदेश में ज्यादातर स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है। कुछ जगहों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। इंद्रदेव की मेहरबानी अगले दो-तीन दिन तक जारी रहने की संभावना है। राजधानी लखनऊ में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश हुई।
नदिया खतरे के निशान से ऊपर
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, जलभरण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा की वजह से शारदा, घाघरा तथा रामगंगा नदियां कई स्थानों पर लबालब हो चुकी हैं। शारदा नदी पलियाकलां में खतरे के निशान से खासी ऊपर बह रही है और इसके जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शारदानगर में भी यह नदी लाल चिह्न् के नजदीक बढ़ रही है। इसके अलावा घाघरा नदी का जलस्तर एल्गिनब्रिज तथा अयोध्या में खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।
बलिया, बहराइच, मऊ, सीतापुर, गोंडा व एटा, कासगंज, बलिया में गंगा, बाराबंकी में घाघरा, श्रावस्ती में राप्ती और बहराइच में सरयू नदी का पानी तेजी बढ़ने लगा है। मुरादाबाद के आसपास के इलाकों में रामगंगा का जलस्तर बढने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। रामगंगा ने करनपुर मार्ग को 300 मीटर से ज्यादा काट दिया है। ढेला और कोसी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। सहारनपुर में कई स्थानों पर किसानों की सैकड़ों बीघा भूमि कटाव में बह गई। प्रशासन ने तटीय गांवों को अलर्ट कर दिया गया है।
कई इलाकों में पानी भरा रहा
लखनऊ में जमकर हुई बारिश से कई इलाकों में पानी भरा रहा। वाराणसी में चौतरफा जलजमाव ने लोगों का सड़क पर चलना दूभर कर दिया। मथुरा की कई कालोनियां जलमग्न हो गई। बुलंदशहर में 30 घंटे से अधिक की बरसात से सड़कें पानी में डूब गई हैं।