मध्यप्रदेश सरकार चालू रबी विपणन वर्ष 2013-14 में समर्थन मूल्य 1350 एवं बोनस 150 रुपये सहित किसानों से गेहूँ खरीदेगी। किसानों को 1500 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान किया जायेगा। इस साल किसानों की गेहूँ की फसल पकने की अवधि को दृष्टिगत रखते हुए उपार्जन की अवधि संभागवार अलग-अलग दो चरण में निर्धारित की गई है। पहले चरण में 18 मार्च से 18 मई तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन एवं नर्मदापुरम् संभाग में गेहूँ खरीदा जायेगा। दूसरा चरण 25 मार्च से 25 मई तक चलेगा। इस दौरान शेष संभाग ग्वालियर, चम्बल, रीवा, शहडोल, सागर एवं जबलपुर में खरीदी की जायेगी।
चालू रबी मौसम में गेहूँ का समर्थन मूल्य 1350 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा इस पर 150 रुपये बोनस घोषित किया गया है। बोनस की यह राशि पिछले साल की तुलना में 50 रुपये अधिक है। इस प्रकार किसानों को उनकी गेहूँ की उपज का 1500 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान किया जायेगा। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिये अधिक दूर न जाना पड़े, इसके लिये राज्य शासन ने विगत सीजन के 2,313 केन्द्र की तुलना में इस सीजन में 2,843 उपार्जन केन्द्र खोले हैं। केन्द्रों की यह संख्या गत सीजन की तुलना में 530 अधिक है। शासन द्वारा सभी उपार्जन केन्द्रों पर लेपटाप, प्रिंटर, बैटरी के लिये राशि उपलब्ध करवाई गई है। केन्द्रों पर कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं रनर की व्यवस्था भी की गई है।
इस वर्ष ई-उपार्जन प्रक्रिया के अंतर्गत किसानों के गेहूँ के रकबे एवं अन्य विवरण का पंजीयन विगत 15 दिसम्बर से 31 जनवरी तक करवाया गया है। इस दौरान कुल 14 लाख 26 हजार किसान ने अपनी उपज के विक्रय के लिये अपना नाम दर्ज करवाया है। इस प्रकार 38 लाख 48 हजार हेक्टेयर रकबे का पंजीयन मध्यप्रदेश में हुआ है। पिछले साल 10 लाख 26 हजार किसान से गेहूँ का उपार्जन किया गया था। इस पंजीयन का भी शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व अधिकारियों द्वारा करवाया गया है। सत्यापन के बाद 32 लाख 45 हजार हेक्टेयर रकबा शेष रहा है। सत्यापन में 27 हजार 50 किसान का पंजीयन अपात्र पाये जाने से निरस्त किया गया है। शेष 6 लाख 29 हजार किसान के सत्यापन में आंशिक संशोधन किया गया।
गेहूँ के ई-उपार्जन के लिये किसानों को एसएमएस द्वारा सूचना भेजने की तैयारी की गई है। सभी उपार्जन केन्द्रों पर पर्याप्त तौल-काँटा की व्यवस्था खरीदी संस्था द्वारा की जायेगी। प्रदेश के 22 जिलों में स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन तथा शेष जिलों में राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूँ का उपार्जन किया जायेगा। उपार्जित गेहूँ की गुणवत्ता के मापदण्ड निर्धारित कर जिलों को अवगत करवा दिया गया है। किसानों को समय-सीमा में राशि के भुगतान के लिये विगत वर्ष 15 दिवस के उपार्जित गेहूँ की मात्रा के बराबर राशि संस्थाओं को अग्रिम रूप से उपलब्ध करवाई जा रही है। किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा करवाई जायेगी। भुगतान की सूचना किसानों को एसएमएस के माध्यम से दी जायेगी।
राज्य सरकार ने इस वर्ष गेहूँ उपार्जन का लक्ष्य 115 लाख मीट्रिक टन रखा है, जो गत वर्ष की तुलना में 30 लाख मीट्रिक टन अधिक है। पिछले रबी सीजन में 85 लाख 7 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हुआ था। स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के पास गत वर्ष के शेष बारदानों सहित कुल 4 लाख 44 हजार गठान (जूट एवं पीपी बेग्स) उपलब्ध हैं। इन बारदानों में 111 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित किया जा सकता है। उपलब्ध बारदानों को उपार्जन केन्द्रों को भेजा जा रहा है। शेष बारदाने इसी माह प्राप्त होना संभावित हैं। सरकार ने ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की है कि गेहूँ की खरीदी में बारदानों को लेकर कोई अवरोध उत्पन्न न हो। उपार्जन कार्य की नियमित समीक्षा के लिये राज्य-स्तर पर आयुक्त, खाद्य एवं जिला-स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है। उपार्जन के संबंध में किसानों को होने वाली समस्याओं के निराकरण के लिये टोल-फ्री नम्बर 155343 एवं 18002335343 भी स्थापित किये गये हैं। शासन ने ई-उपार्जन प्रक्रिया के अंतर्गत आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिये प्रत्येक जिले में जिला सूचना अधिकारी, एनआईसी एवं उनके तकनीकी अमले की एक टीम भी गठित की है।