नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को एक अदालत में एक जांच रिपोर्ट दाखिल की, राज्यसभा सांसद विजय दर्दा से संबंधित कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सुनवाई कर रही है।
रिपोर्ट सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर के समक्ष दाखिल की गई, जिन्होंने मामले की सुनवाई 16 जुलाई को निश्चित की।
जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि एक लोकसेवक एलएस जनोटी पर अभियोग चलाने के लिए उसने कोयला मंत्रालय से अनुमति संबंधी सूचना मांगी है।
एजेंसी के मुतााबिक, जनोटी तब कोयला मंत्रालय में अनुभाग अधिकारी थे और अब गृहमंत्रालय के अवर सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
एजेंसी ने अदालत से मामले पर विचार करने का आग्रह किया और कहा कि मामले में भूमिका के लिए जनोटी के विरुद्ध संज्ञान लेने पर कोई पाबंदी नहीं है, क्योंकि वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
अदालत एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की सुनवाई कर रही थी।
अदालत ने 30 जनवरी को कहा था कि पूर्व कोयला राज्यमंत्री संतोष बगरोडिया, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और मंत्रालय के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी जनोटी ने प्रथम दृष्टया आपराधिक दुराचार करते हुए एएमआर आयरन एंड स्टील को अवैध तौर पर बांदर कोयला ब्लॉक हासिल करने में मदद की थी।
अदालत ने इस मामले की जांच करने और लोकसेवक के विरुद्ध मामला चलाने के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेने का आदेश दिया था।
विजय दर्दा, उनके पुत्र देवेंद्र दर्दा और एएमआर आयरन एंड स्टील के निदेशक मनोज जायसवाल और कंपनी पर भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धारा के तहत आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।