भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने पर पाकिस्तानी संसद द्वारा निंदा प्रस्ताव पारित करने को भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप बताया और इसके विरोध में पाकिस्तान में कार्यरत भारतीय उच्चायुक्त को वापस बुलाने की मांग की है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रतिनिधि सभा में भाग लेने आए भाजपा अध्यक्ष ने पत्रकारों को बताया कि पाकिस्तानी संसद में अफजल गुरु की फांसी पर निंदा प्रस्ताव पारित करना पाकिस्तान का दुस्साहस हैं। उन्होंने ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक रिश्तों में कमी करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को पाकिस्तान से तत्काल वापस बुलाया जाना चाहिए।
सिंह ने कहा कि भारतीय संसद में भी पाकिस्तानी संसद की करतूत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की इस हरकत का कठोर विरोध दर्ज कराना चाहिए। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आगे आकर इस दिशा में पहल करनी चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाए कि सरकार पाकिस्तान की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर आतंकवादी वारदातों की अनदेखी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते चाहता हैं, लेकिन पाकिस्तान ने इस बार हदें पार कर दी हैं। उन्होंने सीमा पर हाल ही में सैनिकों की सिर काट कर ले जाने की घटना पर की गई अपनी टिप्पणी दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान के रवैए को देखते हुए क्रूटनीति को कम किया जाना चाहिए।
आतंकवाद के खिलाफ सरकार की कोई कार्य योजना नहीं होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को मजबूत करना चाहिए तथा सेना की आधुनिकीकरण के लिए बजट में इजाफा करना चाहिए। अफगानिस्तान से वर्ष 2014 में नाटो की सेना वापस बुलाने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे वहां भयावह स्थिति पैदा हो सकती हैं जिसका मुकाबला करने की रणनीति अभी से तैयार करनी चाहिए।