शिक्षा विभाग के लिये वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिये 70 अरब 14 करोड़ 86 लाख 80 हजार रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। गत वित्तीय वर्ष के 62 अरब 19 करोड़ 28 लाख 53 हजार की तुलना में आगामी वर्ष के लिये 7 अरब 95 करोड 58 लाख 27 हजार रुपये का अधिक प्रावधान किया गया है। बजट के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं :
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प्रदेश में 100 हाई और 300 हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव – 20 करोड़ का प्रस्ताव।
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सर्विशिक्षा अभियान के लिये रुपये 1584 करोड़ 79 लाख का राज्यांश प्रावधानित।
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639 नवीन प्राथमिक शाला खोले जाने का प्रस्ताव – 155 करोड़ 28 लाख प्रस्तावित।
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256 प्राथमिक शालाओं का माध्यमिक शालाओं में उन्नयन का प्रस्ताव – 73 करोड़ 50 लाख प्रस्तावित।
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26 आवासीय छात्रावास सहित शाला का प्रस्ताव – 14 करोड़ 43 लाख प्रस्तावित।
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3267 विद्यार्थियों के लिये परिवहन व्यवस्था – 98 लाख प्रस्तावित।
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32 हजार 430 माध्यमिक शाला के शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव।
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गुणवत्ता सुधार के लिये 133 करोड़ 86 लाख प्रस्तावित।
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कस्तूरबा गाँधी विद्यालय एवं बालिकाओं की प्रारंभिक शिक्षा के लिये 196 करोड़ 48 लाख प्रस्तावित।
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वंचित एवं कमजोर समूह के बच्चों की शिक्षा के लिये 7 करोड़ रुपये प्रस्तावित।
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16 लाख 90 हजार बच्चों को दो जोड़ी गणवेश के लिये 68 करोड़ 90 लाख का प्रस्ताव।
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1 लाख 60 हजार बालक एवं बालिकाओं निःशुल्क सायकिल के लिये 95 करोड़ का प्रस्ताव।
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बालिका छात्रावास निर्माण आदि के लिये 37 करोड़ 31 लाख।
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नवीन शालाओं में 750 शिक्षक के पद प्रस्तावित।
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मुख्यमंत्री की सुपर फिफ्टी योजना के लिये एक करोड़ का प्रस्ताव।
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परीक्षा व्यवस्था के आधुनिकीकरण के लिये 5 करोड़ 50 लाख का प्रस्ताव।
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मॉडल स्कूल, संभागीय कार्यालय और आवासीय परिसर के सुदृढ़ीकरण के लिये 10 करोड़ का प्रस्ताव।
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आगामी वर्ष में कोई भी प्राथमिक और माध्यमिक शाला भवन विहीन नहीं रहेगी।
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शाला से बाहर, बेघर, अनाथ बच्चों सहित अन्य वंचित समूह के 50 हजार बच्चों के लिये शिक्षा – 51 करोड़ 46 लाख प्रस्तावित।
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सैनिक स्कूल रीवा के भवन निर्माण के लिये 2 करोड़ का प्रस्ताव।
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भोपाल में अंग्रेजी शिक्षा पढ़ाई संस्थान निर्माण के लिए प्रस्ताव।
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कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तावित।
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सभी माध्यमिक शालाओं में एक्टिव लर्निंग मेथड से शिक्षा के विस्तार की योजना प्रस्तावित
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एक लाख से अधिक शालाओं में लायब्रेरी की व्यवस्था का प्रसताव।
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माता-पिता की इकलौती बेटियों, को कक्षा 10 में 60 प्रतिशत से अधिक और 11वीं एवं 12वीं में नियमित अध्ययन करने पर छात्रवृत्ति देने का प्रस्ताव।
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शिक्षा सत्र 2013-14 में उर्दू के कक्षा 10 एवं 12वीं के विद्यार्थियों को पहली बार निःशुल्क पुस्तक उपलब्ध करवाने का प्रावधान।