योग को राजनीतिक हथियार बना कर हल्ला मचाने वाले अमित शाह ने पीएम मोदी के आग्रह को ठुकराते हुए योगाभ्यास नहीं किया, हालांकि वह पटना में भाजपा के योग कार्यक्रम में मौजूद थे.
भीड़ में मौजूद लोगों ने बार-बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को योगाभ्यास करने की अपील की लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी और मंच पर जा कर बैठ गये. शाह ने लोगों की उस अपील को भी ठुकरा दिया कि कम से कम वह योग करने वालों के पास ही बैठें. याद रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमितशाह को जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पटना जा कर लोगों के साथ योग करें. अमित शाह ने पीएम मोदी की इतनी बात तो मान ली कि वह योग शिविर तक गये लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने योग करने से इनकार कर दिया.अमित शाह के योग न करने पर विरोधी दलों ने भी अमित शाह को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. जनता दल यू के नेता नवल शर्मा ने कहा है कि भाजपा अध्यक्ष अमितशाह ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह को अस्वीकार कर उनका अपमान किया है.
जद यू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि अमित शाह सिर्फ एक योग कर सकते हैं वह है- उन्माद का योग. नीरज ने कहा कि मैंने तो पहले ही चुनौती दी थी कि वह 12 बार शीर्षाशन और सूर्य नम्सकार कर के दिखायें. लेकिन उन्होंने अपने आचरण से साबित कर दिया है कि वह योग के नाम पर समाज में उन्माद फैला सकते हैं, समाज को जोड़ नहीं सकते
गौरतलब है कि अमित शाह भाजपा के उन नेताओं में से हैं जिन्होंने योग की राजनीति को गर्म करने की कोशिश की थी. शाह के इस बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके मोटापे को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि आम लोगों से पहले उन्हें योग करना चाहिए.
नीतीश के इस बयान पर बिहार की राजनीति में उबाल आ गयी थी और इस की प्रतिक्रिया में भाजपा नेता सुशील मोदी ने नीतीश पर जवाबी हमला बोला था. लेकिन आज जब खुद अमित शाह ने योग शिविर में मौजूद रहने के बावजूद योग नहीं करके एक नये विवाद को जन्म दे दिया है.
नौकरशाही से साभार
सम्पादन अनिल