इस बार मौसम की चाल समझ से परे है। कभी तेज धूप हो जाती है तो कभी आसमान बादलों से घिर जाता है। बीच-बीच में बारिश भी हुई, जिसके चलते मौसम नम हुआ। दूसरे दिन फिर आसमान से आग बरसने लगी। मौसम के उतार चढ़ाव के कारण सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. मनोज माथुर बताते हैं कि मौसम के बदलाव का असर सेहत पर पड़ रहा है। सर्दी, जुकाम, टायफाइड जैसी बीमारियों ने लोगों को जकड़ रखा है। ऐसे में मौसम में सतर्कता बरतनी चाहिए। उनका कहना है कि बारिश के बाद हालात तेजी से बदलेंगे। उस समय दिमागी बुखार व मलेरिया जैसी बीमारियां अपना प्रकोप दिखाएंगी।
उन्होंने कहा कि बदलते मौसम में संक्रमण तेजी से फैलता है और बैक्टीरिया आदि जीवाणु और रोगाणु के पनपने की क्षमता भी अधिक हो जाती है। इसका मुख्य कारण है वातावरण और जलवायु में बदलाव। सर्दी-जुकाम व वायरल जैसे रोग आसानी से शरीर को घेर लेते हैं।
डॉ. माथुर ने बताया कि उतार-चढ़ाव भरे मौसम में हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी क्षीण हो जाती है। मौसम में ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स और एसी की आदतों को नहीं छोड़ पाते, जिससे सर्दी-जुकाम की गिरत में आ जाते हैं।
ये आदतें हैं नुकसानदेह :
अक्सर देखने में आता है कि हम तेज धूप और गर्मी से पसीने में लथपथ आते हैं और एसी, कूलर या पंखे के सामने बैठ जाते हैं या बाहर से आकर फ्रिज का ठंडा पानी पी लेते हैं। इससे सर्द-गर्म होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा करने से बचें।
सफाई का रखें ध्यान :
किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए हाथों को साबुन से धोएं। आपकी साफ-सफाई संक्रमण को रोकने में मददगार साबित होगी। मौसम में बदलाव आने पर रात को सोते वक्त नमक युक्त गुनगुने पानी से गरारे और भाप लेने की आदत डालें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
तला भुना खाने से बचें :
इस मौसम में बाहर का, बासी, तला-भुना, मिर्च-मसाले वाला कुछ भी खाने से बचें। खूब पानी पीएं और घर का बना हल्का भोजन ही लें। हमेशा साफ और उबला हुआ पानी ही पीएं।