पणजी, 20 जून (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि सैन्य आवास तथा सीमावर्ती सड़कों के निर्माण जैसे आधारभूत संरचनाओं से जुड़ी रक्षा मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं में संप्रग सरकार के कार्यकाल में देरी हुई है।
पणजी से 15 किलोमीटर दूर मंदौर गांव में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने पद ग्रहण करने के बाद से लंबित पड़ी परियोजनाओं में तेजी लाई है।
उन्होंने कहा कि उनकी अपेक्षा के अनुरूप काम में तेजी आने में छह महीने का वक्त लगेगा।
मैरीड एकोमोडेशन प्रोजेक्ट (एमएपी) को पूरा करने में हुई देरी पर पूर्ववर्ती सरकार की आलोचना करते हुए पर्रिकर ने कहा कि परियोजना का दूसरा चरण 2018 में पूरा होगा, जिसके अंतर्गत 70,000 फ्लैट बनाए जाने हैं।
पर्रिकर ने कहा, “पूर्ववर्ती राजग सरकार में प्रथम चरण के तहत 50,000 से 60,000 फ्लैट बनाए गए। वहीं दूसरे चरण में 10 साल के अंदर 70,000 में से सिर्फ 5,000 फ्लैट बने हैं।”
मंत्री ने कहा, “पिछले एक साल में 5,000 का आंकड़ा 16,000 पर पहुंच गया है। अगले एक साल में यह 30,000 हो जाएगा। 2018 तक 70,000 फ्लैट का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती सड़क परियोजना भी पिछड़ रही है और कुछ परियोजनाओं के निर्माण का काम बेहद धीमा है।
पर्रिकर ने कहा, “कुछ सीमा सड़क परियोजनाओं की रफ्तार इतनी धीमी है कि हर दिन सिर्फ एक कदम जितनी सड़क ही बन पाई है। वास्तव में काफी कठिनाई है। वहां के पत्थरों को तोड़ना काफी कठिन है।”
उन्होंने कहा, “विस्फोट नहीं किया जा सकता, क्योंकि हिमालय क्षेत्र में पर्वत काफी नाजुक हैं, सारी चीजें ऊपर से गिर सकती हैं।”
रक्षा मंत्री ने कहा, “जब मैंने रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली, आधारभूत संरचनाओं से जुड़ी परियोजनाएं रुकी हुई थीं। पिछले छह-सात महीने में मैंने इसमें तेजी लाने की कोशिश की। यह अब तक मेरे संतोष लायक नहीं है, इसमें छह महीने का वक्त और लगेगा।”