काठमांडू, 14 जून (आईएएनएस)। नेपाल में 25 मार्च को आए भीषण जलजले और उसके बाद के झटकों से आई राष्ट्रीय आपदा ने पूरे देश में 10 लाख लोगों को गरीबी रेखा के नीचे वाले स्तर पर जीने को मजबूर कर दिया है। नेपाल सरकारी की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
पोस्ट-डिजास्टर नीड्स एसेसमेंट (पीडीएनए) की रिपोर्ट के निष्कर्षो को जारी करते हुए रविवार को राष्ट्रीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष गोविंद राज पोखरेल ने कहा कि आयोग ने आनुमान लगाया है कि गरीबी का स्तर 2.5 फीसदी से 3.5 फीसदी तक ऊपर जाएगा।
मानव विकास रिपोर्ट (2014) के मुताबिक, नेपाल में गरीबी का प्रसार 23.8 फीसदी है।
नेपाल में 25 अप्रैल को 7.9 तीव्रता से आए भूकंप से 75 में से 36 जिले प्रभावित हुए हैं। इनमें से सर्वाधिक प्रभावित 14 जिलों में 8,800 लोगों की मौत हो गई, हजारों लोग घायल हुए और लगभग 10 लाख लोग विस्थापित हो गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, विनाशकारी भूकंप और उसके बाद के झटकों में 513 करोड़ नेपाली रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
पीडीएनए ने कहा कि नेपाल को दोबारा से पटरी पर लौटने के लिए लगभग 666 करोड़ डॉलर अथवा अपने सकल घरेलू उत्पाद के एक तिहाई की आवश्यकता है।
इस रिपोर्ट को 25 जून को यहां होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पुनर्निर्माण के प्रयासों के लिए संसाधन इकट्ठा करने के उद्देश्य से दानी समुदायों के समक्ष रखा जाएगा।
पिछले तीन दशकों से नेपाल मानव विकास सूची में तेजी से सुधार दर्ज कर रहा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, “भूकंप से मानव विकास के महत्वपूर्ण तत्व कृषि, शिक्षा, पानी, सफाई और स्वास्थ्य प्रभावित हुए हैं। ये (प्रभावित) लोग गरीब हो जाएंगे क्योंकि उन्होंने अपना घर खो दिया है, आय के अवसर खो दिए हैं, उत्पादक परिसंपत्तियां जैसे बीज और मवेशी और रसोई के बर्तनों से लेकर आभूषणों तक मिश्रित घरेलू वस्तुओं के रूप में स्थायी संपत्ति को खो दिया है।”
भूकंप प्रभावित ग्रामीण जिलों में रह रही 26.5 फीसदी आबादी गरीब है। यह आकंड़ा राष्ट्रीय गरीबी दर के बराबर है।
वहीं दूसरी भूकंप से प्रभावित शहरी क्षेत्रों में 9.7 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे रह रही है। 2013 में नेपाल की गरीबी दर 24.7 फीसदी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप के कारण 2015-16 में 700,000 से 982,000 लाख लोगों को गरीबी में जीवन यापन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, गरीबी में जीवन यापन करने के लिए धकेल दिए गए लोगों में 50 से 70 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों से है।