काबुल- 14 साल पहले तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान के बामियान में महात्मा बुद्ध की दो विशालकाय मूर्तियों को उड़ा दिया था। इसमें बड़ी मूर्ति 174 फीट ऊंची थी। अब यह 3-डी तकनीक से फिर खड़ी हो गई है। दरअसल पर्यटकों को लुभाने के लिए प्रोजेक्टेड छवि बनाई गई है। इसे चीनी दंपती झेयांग शिन्यु और लियांग हॉग ने बनाया है। इस पर 76.70 लाख का खर्च आया है। चीनी दंपती ने कहा कि यह अफगानिस्तान को चीन की तरफ से तोहफा है। बलुआ पत्थर से छठी सदी में बनी यह मूर्ति कभी दुनिया में बुद्ध की सबसे ऊंची प्रतिमा हुआ करती थी।
1500 साल पहले बनाई गई थी मूर्ति 2001 में तालिबान ने उड़ा दी थी 76.70 लाख रुपए हुए खर्च
मिर्जाहुसैन ने इस मूर्ति को उड़ाने का हुक्म दिया था। अब हुसैन साइकिल की रिपेयरिंग करता है। हुसैन के मुताबिक 1999 में तालिबान ने बामियान पर कब्जा कर लिया। इसलिए मुझे उनके साथ शामिल होना पड़ा और इन्हीं आतंकियों के कहने पर उसके हुक्म पर इसे उड़ाया गया था। मुझे उस समय भी इस बात का अफसोस था और आज भी है।जर्मनी के म्यूनिख यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एरविन एमर्लिंग इस मूर्ति को फिर से बना रहे हैं। वे दोनों मूर्तियों के 500 टुकड़ों की पहचान कर चुके हैं। वे बिना नया पत्थर लगाए इन टुकड़ों से ही इसे बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यूनेस्को उनकी मदद कर रही है।