नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ऑल इंडिया प्री मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट (एआईपीएमईटी) को दोबारा कराए जाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर 15 जून को फैसला सुनाएगा। ये याचिकाएं 10 राज्यों के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के जरिए प्रश्न पत्र के लीक हो जाने तथा उत्तर कुंजी का प्रसार हो जाने के कारण दायर की गई थीं।
सीबीएसई ने दोबारा परीक्षा कराए जाने वाली याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसमें लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा। इसके बाद, न्यायमूर्ति आर.के.अग्रवाल और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
सीबीएसई की तरफ से महाधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराया जाना सवालों के घेरे में है, क्योंकि इसकी तैयारी पिछले अक्टूबर में शुरू कर दी गई थी और तीन मई को परीक्षा आयोजित कराई गई।
उन्होंने कहा कि अगर न्यायालय दोबारा परीक्षा कराए जाने के आदेश देता है तो फिर उसी प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा।
महाधिवक्ता ने यह दलील दी कि सिर्फ 44 विद्यार्थी ही प्रश्नपत्र लीक होने से कथित रूप से लाभान्वित हुए हैं और उन्होंने कहा कि इससे प्रवेश परीक्षा में भाग लेने वाले 6.30 लाख विद्यार्थियों के परिणाम प्रभावित नहीं होने चाहिए।