बताया जाता है कि कानपुर मेडिकल कालेज के बाद अब मध्य प्रदेश एसटीएफ के निशाने पर केजीएमयू के लगभग एक दर्जन से ज्यादा पासआउट एमबीबीएस डाक्टर हैं। एसटीएफ टीम ने केजीएमयू में वर्ष 2010 बैच के मेडिकोज से पास हो चुके डाक्टरों के बारे में पूछताछ की है।
व्यापमं घोटाले में एसटीएफ कानपुर मेडिकल कालेज में 33 मेडिकोज के फरार होने पर फोटो चस्पा करके तलाश की जा रही है। इसके बाद एमपी एसटीएफ ने केजीएमयू को छह मेडिकोज की फोटो देकर छात्रावास में चस्पा करने के निर्देश दिए हैं। केजीएमयू प्रशासन अभी इन फोटो को चस्पा करने को लेकर ऊहापोह में है। एसटीएफ द्वारा दो दिन पहले छह मेडिकोज की फोटो को अभी छात्रावास में चस्पा नहीं किया गया है।
केजीएमयू में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के डीन डॉ. कमर रहमान ने कहा कि अभी उन्हें यह खुद नहीं पता कि ये लोग यहां से एमबीबीएस पासआउट हैं या नहीं। बताया जाता है कि एमपी एसटीएफ वर्ष 2009-10 बैच के लगभग एक दर्जन से ज्यादा मेडिकोज की तलाश कर रही है। इनमें काफी लोग पास होकर डाक्टर बन चुके हैं। इनके बारे में कानपुर मेडिकल कालेज व केजीएमयू के मेडिकोज से सम्बधों के तार जोड़े जा रहे हैं। इसी आधार पर पूछताछ की जा रही है।
एसटीएफ का मानना है कि मध्य प्रदेश के पीएमटी मेडिकल परीक्षा में लंबे अरसे से इन दो मेडिकल कालेज से मेडिकोज साल्वर की भूमिका में थे। एमपी एसटीएफ रीवा की टीम ने आकर वर्ष 2010 बैच के मेडिकोज से अन्य मेडिकोज के बारे में पूछताछ की। काफी देर तक चली पूछताछ को अभी गोपनीय रखा गया है।