नई दिल्ली 10 जून (आईएएनएस)। दिल्ली के कानून मंत्री के पद से जितेंद्र तोमर के इस्तीफा देने के एक दिन बाद आप सरकार ने बुधवार को कपिल मिश्रा को राजधानी का नया कानून मंत्री बनाने का फैसला लिया है। तोमर को फर्जी डिग्री के आरोप में मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
नाटकीय रूप से गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को तोमर को अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें चार दिनों से पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। तोमर को बुधवार को यह जानने के लिए उत्तर प्रदेश ले जाया गया कि उन्होंने कानून की फर्जी डिग्री हासिल कैसे की।
राजधानी दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री ने हालांकि अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली के एक सत्र न्यायालय में चुनौती दी है।
तोमर पर आरोप है कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में झूठ बोला था कि उनके पास कानून की डिग्री है।
तोमर ने लखनऊ में पुलिस की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह बेकसूर हैं और उनकी कानून की डिग्री असली है। उन्होंने कहा, “मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैं राजनीतिक साजिश का शिकार हूं।”
पुलिस ने कहा कि वह इस बात की भी जांच करेगी कि क्या फर्जी डिग्री का कोई रैकेट काम कर रहा है, जिसमें तोमर भी शामिल हैं।
दिल्ली के करावल नगर से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक कपिल मिश्रा को बुधवार को दिल्ली के नए कानून मंत्री बनाने का फैसला लिया गया। मिश्रा दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मिश्रा के नाम का प्रस्ताव उप राज्यपाल नजीब जंग को भेज दिया है।
केजरीवाल के करीबी 34 वर्षीय मिश्रा के पास सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर की डिग्री है। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व महापौर अनुपमा मिश्रा के बेटे हैं।
मिश्रा ने आईएएनएस से कहा, “न्यायिक जवाबदेही, न्यायिक प्रणाली को मजबूत बनाना और फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित करना उनकी प्राथमिकता होगी।”
उन्होंने कहा, “प्रशांत भूषण (पूर्व आप नेता) के साथ काम का मेरा तजुर्बा मुझे मेरे नए काम में मदद करेगा।”
फरवरी में दिल्ली चुनाव के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को केजरीवाल के खिलाफ बगावत करने के आरोप में आप से बाहर निकाल दिया गया था।
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या मिश्रा को पर्यटन विभाग भी दिया जाएगा, जिसका तोमर के पास अतिरिक्त प्रभार था।
पुलिस ने बताया कि तोमर को यह जानने के लिए फैजाबाद स्थित डॉ़ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ले जाया गया कि उन्होंने वह डिग्री कैसे हासिल की, जिसे विश्वविद्यालय फर्जी बता रहा है।
दिल्ली पुलिस की एक टीम तोमर को एसी एक्सप्रेस से लखनऊ लाई। फैजाबाद पहुंचने के लिए वे सभी फरक्का एक्सप्रेस में सवार हुए।
तोमर को पहले सड़क मार्ग से फैजाबाद लाया जाना था, लेकिन लखनऊ रेलवे स्टेशन पर आप कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के चलते पुलिस को ऐन मौके पर अपनी योजना बदलनी पड़ी।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी.एस. बस्सी ने कहा कि पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि क्या फर्जी डिग्री मामले में कोई रैकेट शामिल है।
बस्सी ने मीडिया से कहा कि दस्तावेजों की जालसाजी करने वाले के बारे में पता लगाना इस मामले का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।
उन्होंने कहा, “उन्हें (दस्तावेज) किसने बनाया था? क्या इसे काम को उन्होंने (तोमर) ने अंजाम दिया है अथवा किसी से खरीदा है। यह रैकेट कब से काम कर रहा है। तोमर के अलावा और कौन है जो इस तरह के दस्तावेज मुहैया कराता है?”
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने आप के एक अन्य नेता पर चुनावी हलफनामे में अपनी शिक्षा के बारे में झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया।
भाजपा के पूर्व विधायक करण सिंह तंवर ने कहा कि उन्होंने एक शिकायत दर्ज कराई है कि आप के विधायक सुरेंद्र सिंह का शैक्षिक प्रमाण पत्र झूठा है।
उन्होंने कहा, “सुरेंद्र सिंह के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए।”