नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। भारत-म्यांमार सीमा के पार बने आतंकवादियों के शिविरों पर सुनियोजित और सुनिश्चितता के साथ किए गए हमले से स्पष्ट संदेश गया है कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बुधवार को कहा कि परिस्थिति की जरूरत के हिसाब से भविष्य में इस तरह के कई अन्य सैन्य अभियानों को अंजाम दिया जा सकता है।
मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत न होने के कारण अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “अगर खतरे (4 जून की तरह होने वाले हमले) की कोई खुफिया जानकारी होती है तो इस तरह के और हमले अंजाम दिए जा सकते हैं। सुरक्षा बल इस तरह के अभियानों के लिए हमेशा तैयार हैं।”
उल्लेखनीय है कि चार जून को मणिपुर के चंदेल में आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, पैरासूट रेजीमेंट के 21 पैरा (एसएफ) के सैनिकों ने मंगलवार को यह हमला किया। इस हमले में सुरक्षा बलों को कोई नुकसान नहीं हुआ, बल्कि आतंकवादियों को भारी क्षति पहुंची।
सेना ने यद्यपि हमले में मारे गए आतंकवादियों की आधिकारिक संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन इनकी संख्या 15 से 25 के बीच में होने का अनुमान है।
सूत्रों ने कहा कि जिन शिविरों पर हमला किया गया वे म्यांमार सीमा के अंदर कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित थे। हालांकि उन्होंने जगह का नाम लेने से इंकार कर दिया।
सूत्रों ने आईएएनएस से कहा, “शिविर म्यांमार सीमा के भीतर कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित थे।”
पैरा (एसएफ) के जवान स्वदेशी ध्रुव हेलीकॉप्टरों से म्यांमार की सीमा के पार आतंकवादियों के शिविर के करीब पहुंचे।
सेना के अतिरिक्त महानिदेशक (अभियान) मेजर जनरल रणबीर सिंह ने मंगलवार को कहा था कि हमले से पहले म्यांमार के अधिकारियों को विश्वास में लिया गया था।