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तेल रिसाव क्षतिपूर्ति समझौते से जुड़ने को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के इंटरनेशनल कनवेंशन ऑन सिविल लायबिलिटी फॉर बंकर ऑयल पोल्यूशन डैमेज-2001 (बंकर समझौते) से जुड़ने के जहाजरानी मंत्रालय के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज (बुधवार) इंटरनेशनल मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन (आईएमओ) के बंकर समझौते में भारत के शामिल होने के जहाजरानी मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।”

बयान के मुताबिक, मंत्रिमंडल ने व्यापारिक जहाजरानी अधिनियम-1958 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी, जिससे बंकर समझौता प्रभावी हो जाएगा। इस संशोधन से नैरोबी रेक रिमूवल कनवेंशन और साल्वेज समझौता भी लागू हो जाएगा, जिसमें भारत पहले से ही शामिल है।

बयान के मुताबिक, बंकर समझौते में जहाजों के बंकर से तेल ईंधन के रिसाव से होने वाले नुकसान की स्थिति में समुचित, तुरंत और प्रभावी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गई है।

बंकर समझौता मार्च 2001 में स्वीकार किया गया था और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह नवंबर 2008 से लागू है। समझौते में शामिल देश टन के हिसाब से समुद्री मार्गो से होने वाले व्यापार में 91 फीसदी योगदान करते हैं।

तेल रिसाव क्षतिपूर्ति समझौते से जुड़ने को मंत्रिमंडल की मंजूरी Reviewed by on . नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के इंटरनेशनल कनवेंशन ऑन सिविल लायबिलिटी फॉर बंकर ऑयल पोल्यूशन डैमेज-2001 (बंकर समझौते) से जुड़ने के जहा नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के इंटरनेशनल कनवेंशन ऑन सिविल लायबिलिटी फॉर बंकर ऑयल पोल्यूशन डैमेज-2001 (बंकर समझौते) से जुड़ने के जहा Rating:
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