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केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगाने से न्यायालय का इंकार (लीड-1)

नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा 21 मई को जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगाने से बुधवार को इंकार कर दिया। इस अधिसूचना के जरिए दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) पर केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामलों में कार्रवाई करने पर रोक लगा दी गई थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति आई.एस. मेहता की युगल पीठ ने अधिसूचना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि इसी तरह का एक मामला पहले से ही दूसरी पीठ के पास लंबित है। साथ ही पीठ ने इस मामले को लंबित जनहित याचिका के साथ जोड़ दिया।

न्यायालय ने कहा, “अवकाशकालीन पीठ अधिसूचना पर रोक नहीं लगा सकती। इसी संबंध में एक जनहित याचिका दूसरी पीठ के पास पहले से लंबित है। इसलिए उसी पीठ में इस याचिका पर सुनवाई होगी।” मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी।

अधिवक्ता आर.एस. राजू और वी. सुधीर ने 21 मई की अधिसूचना को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की थी। अधिसूचना में कहा गया था कि दिल्ली के उप-राज्यपाल के पास राजधानी में प्रमुख नौकरशाहों की नियुक्ति और उनके तबादले का अधिकार है।

याचिका में 23 जुलाई, 2014 को जारी अधिसूचना को भी चुनौती दी गई है। इस अधिसूचना में दिल्ली की भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) के अधिकार क्षेत्र को दिल्ली के अधिकारियों तक सीमित रखने की बात कही गई थी।

याचिका में अधिसूचना की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि केंद्र सरकार द्वारा 21 मई को जारी की गई अधिसूचना संवैधानिक प्रावधानों (अनुच्छेद 239 एए-4) के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी से जुड़े नौकरशाहों की सेवाओं के मामले इसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते।

याचिका में कहा गया है, “जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो हैं, उनके पास से पुलिस और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार अभी तक वापस नहीं लिया गया है।”

याचिका के मुताबिक, “बीते 22 सालों के दौरान दिल्ली में भी ऐसा नहीं हुआ था, इसीलिए दिल्ली में अब ऐसा करने का कोई औचित्य नहीं है, वह भी तब जब दिल्ली के लोगों ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए दिल्ली की सरकार को भारी बहुमत दिया हो।”

याचिकाकर्ता वकीलों ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली एसीबी से शक्तियां छीनकर भ्रष्ट केंद्रीय कर्मचारियों को संरक्षण प्रदान कर रही है।

इससे पहले दिल्ली सरकार ने अधिसूचना को चुनतौ दी थी, जिस पर न्यायालय ने रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

इस संबंध में कानून के एक छात्र ने भी जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने कोई फैसला देने से इंकार कर दिया और मामले को अगली सुनवाई पांच अगस्त तक टाल दी।

केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगाने से न्यायालय का इंकार (लीड-1) Reviewed by on . नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा 21 मई को जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगाने से बुधवार को इंकार कर दिया। इस अधिसूच नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा 21 मई को जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगाने से बुधवार को इंकार कर दिया। इस अधिसूच Rating:
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