छतबीड़ (पंजाब),10 जून (आईएएनएस)। उत्तर भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में शुमार छतबीड़ के महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क में इस चिलचिलाती गर्मी में पशु-पक्षियों के अलग ही ठाठ देखने को मिलेंगे। पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने से यहां उनके लिए बर्फ की सिल्लियों, कूलर और विशेष फव्वारों का इंतजाम किया गया है।
छतबीड़ (पंजाब),10 जून (आईएएनएस)। उत्तर भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में शुमार छतबीड़ के महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क में इस चिलचिलाती गर्मी में पशु-पक्षियों के अलग ही ठाठ देखने को मिलेंगे। पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने से यहां उनके लिए बर्फ की सिल्लियों, कूलर और विशेष फव्वारों का इंतजाम किया गया है।
चिड़ियाघर के अधिकारी इसमें शेर पर नियमित रूप से ठंडे पानी की फुहारें बरसा रहे हैं। वहीं, भालुओं व हिमालयी काले भालुओं को ठंडक पहुंचाने के लिए बर्फ उपलब्ध कराई जा रही है।
हाथी और दरियाई घोड़े जैसे विशालकाय स्तनपायी पशुओं के लिए उनके बाड़ों में जलकुंड की व्यवस्था की गई है। उनके लिए विशेष रूप से फव्वारे लगाए गए हैं।
चिड़ियाघर फील्ड निदेशक मनीष कुमार ने आईएएनएस को बताया, “साल के इस वक्त जब पारा चढ़ा हुआ है, तो जानवरों के खाने-पीने, साफ-सफाई और उन्हें चिलचिलाती गर्मी से बचाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि पशुओं को झुलसाने वाली लू से बचाने के लिए उनके पिंजरों एवं बाड़ों को जूट की बोरियों से ढंका गया है। उन पर पानी की फुहारें बरसाई जा रही हैं। इसके अलावा उनकी सहूलियत के लिए कूलर लगाए गए हैं।
फील्ड निदेशक ने कहा, “हम उनके व्यवहार पर नियमित रूप से नजर रख रहे हैं। मांसाहारी एवं सर्वाहारी दोनों पशुओं को उच्च ग्लूकोज वाला विशेष आहार दिया जा रहा है।”
हाथी, बंदर और छोटी पूंछ वाले बंदर जैसे शाकाहारी जानवरों में तरबूज, पपीता और खीरे की खपत बढ़ गई है।
गर्मी से राहत दिलाने के लिए तीतर और पक्षियों की अन्य प्रजातियों पर पानी की बौछारें की जा रही हैं।
चिड़ियाघर की देखरेख करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि गजराज और दरियाई घोड़ों को गर्मी से बचाने के लिए उनके अहातों में कीचड़ वाले तालाब बनाए गए हैं।
उन्हें रोजाना खाने के लिए 10 किलोग्राम तरबूज, ढेर सारे केले और भीगे काले चने दिए जा रहे हैं।
हिमालयी भालू बर्फ की सिल्लियों पर आराम फरमाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। उनके बाड़ों में कूलर भी लगाए गए हैं।
तेंदुए और चीतों की भी विशेष खातिरदारी की जा रही है।