Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 सेवाकर सिर्फ एसी रेस्तरां पर लागू : वित्त मंत्रालय | dharmpath.com

Sunday , 24 November 2024

Home » व्यापार » सेवाकर सिर्फ एसी रेस्तरां पर लागू : वित्त मंत्रालय

सेवाकर सिर्फ एसी रेस्तरां पर लागू : वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। बिना एसी सुविधा वाले रेस्तरां ग्राहकों से सेवाकर नहीं वसूलेंगे, जबकि एसी सुविधा वाले रेस्तरां ग्राहकों के बिल के 40 फीसदी हिस्से पर ही सेवा कर वसूलेंगे। यह बात मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कही।

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “किसी भी हिस्से में बिना एसी सुविधा या सेंट्रल एयर-हीटिंग सुविधा वाले रेस्तरां या मेस को सेवाकर के दायरे से बाहर रखा गया है।”

बयान में कहा गया है, “दूसरे शब्दों में सिर्फ वातानुकूलित या एयर-हीटेड रेस्तरां को ही सेवाकर का भुगतान करना होगा।”

बयान के मुताबिक, ऐसे रेस्तरांओं के मामले में सेवा कर की गणना के दौरान बिल की पूरी राशि में से 60 फीसदी घटा दिया जाएगा और सिर्फ 40 फीसदी हिस्से पर ही कर लगाया जाएगा।

एक जून से सेवाकर की दर 14 फीसदी हो गई है, लेकिन कुल बिल राशि पर प्रभावी दर 5.6 फीसदी रह जाती है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट में सेवा कर को 12.36 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी किए जाने का प्रस्ताव रखा था। यह कर एक छोटी नकारात्मक सूची को छोड़कर शेष सभी प्रकार की सेवाओं पर लगता है।

सेवाकर सिर्फ एसी रेस्तरां पर लागू : वित्त मंत्रालय Reviewed by on . नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। बिना एसी सुविधा वाले रेस्तरां ग्राहकों से सेवाकर नहीं वसूलेंगे, जबकि एसी सुविधा वाले रेस्तरां ग्राहकों के बिल के 40 फीसदी हिस्से पर नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। बिना एसी सुविधा वाले रेस्तरां ग्राहकों से सेवाकर नहीं वसूलेंगे, जबकि एसी सुविधा वाले रेस्तरां ग्राहकों के बिल के 40 फीसदी हिस्से पर Rating:
scroll to top