मुरैना, 9 जून(आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पुरावसाकलां गांव में माध्यमिक विद्यालय के लिए एक दलित महिला द्वारा किए जा रहे सत्याग्रह को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। सोमवार को आयोजित ‘जेल भरो आंदोलन’ में बढ़ते जनसमर्थन का नजारा भी देखने को मिला।
पुरावसाकलां गांव की पूर्व सरपंच बादामी बाई ने अपने कार्यकाल में माध्यमिक विद्यालय शुरू कराने की हर संभव कोशिश की थी। इसके लिए उसने अपने पति चिम्मन द्वारा जोती जा रही पांच बीघा जमीन पर विद्यालय बनाने पर भी सहमति दे दी, काम भी शुरू हो गया था, मगर बात आगे नहीं बढ़ी। बादामी बाई अब सरपंच नहीं हैं, मगर उनका माध्यमिक विद्यालय के लिए संघर्ष जारी है। वह जिला मुख्यालय पर सत्याग्रह कर रही हैं।
बादामी देवी ने विद्यालय सत्याग्रह के तहत सोमवार को जेल भरो आंदोलन का आयोजन किया तो देश के विभिन्न हिस्सों से लोग उनके समर्थन में मुरैना पहुंचे। जनसभा में तमाम वक्ताओं ने बादामी के संघर्ष को सामंती सोच के खिलाफ आंदोलन बताया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यायल सिर्फ इसलिए नहीं बन पा रहा है, क्योंकि प्रस्तावित जमीन दलित बस्ती के करीब है।
जेल भरो आंदोलन की सभा में समाजसेवी व चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि यह आंदोलन सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर तबके का आंदोलन है।
जनसभा में एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रनसिंह परमार, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शंभू लाल बघेल, प्रदेशाध्यक्ष श्याम सुंदर यादव, बहुजन संघर्ष दल के हेमंत सागर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
संघर्ष समिति के संयोजक जयंत सिंह तोमर ने बताया है विद्यालय की मांग पूरी नहीं होने पर 10 जून से पुरावसाकलां में आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
इस बीच, जिला शिक्षा अधिकारी आर.एन नीखरा ने इस मामले पर आईएएनएस से कहा, “प्राथमिक पाठशाला के पास की भूमि पर माध्यमिक पाठशाला की इमारत का निर्माण करवाया जा रहा है। पूर्व में जिस स्थान पर इमारत के निर्माण का प्रस्ताव था, उसकी अनुमति नहीं ली गई थी।”