नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) की बैठक नौ जून को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
बोर्ड की इस 35वीं बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू करेंगे। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के अलावा इन राज्यों के मुख्य सचिव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बोर्ड के सदस्यों में शामिल हैं।
बैठक की 13 सूत्रीय कार्यसूची में हरियाणा में मांगर बानी हरित क्षेत्र के संरक्षण, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अतिरिक्त क्षेत्र शामिल करने, भागीदार राज्यों में प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों की रूपरेखा, क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (आरआरटीएस) की स्थिति की समीक्षा, भागीदार राज्यों द्वारा उपक्षेत्रीय योजनाओं को तैयार करना और अंतिम रूप देना, एनसीआरबीपी द्वारा परियोजनाओं के वित्त पोषण की स्थिति आदि से संबंधित मामलों को शामिल किया गया है।
बोर्ड का गठन संसद के अधिनियम द्वारा 1985 में किया गया था। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी का विकास, कथित योजना के समन्वय, निगरानी और कार्यान्वयन एवं भूमि उपयोग नियंत्रण के लिए समन्वित नीतियों को शामिल करने तथा क्षेत्र में किसी तरह के अव्यवस्थित विकास को रोकने के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करना है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली के अलावा हरियाणा के 11 जिले, उत्तर प्रदेश के छह और राजस्थान के दो जिले शामिल हैं और इसका क्षेत्रफल 45,888 वर्ग किलोमीटर है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के साथ एक क्षेत्र के अंतर-राज्य क्षेत्रीय विकास योजना का अनूठा उदाहरण है।
एनसीआरपीडी, भागीदार राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के ठोस प्रयासों से अभी तक 2001 और 2021 के परिप्रेक्ष्य में क्षेत्रीय योजनाएं तैयार करने, संबंधित राज्यों द्वारा उपक्षेत्रीय योजना तैयार करने, क्षेत्र में औद्योगिक बुनियादी ढांचे का विकास, मूल शहरी बुनियादी ढांचे में विकास, दिल्ली से गुजरने वाले क्षेत्र वाले छह राष्ट्रीय राजमार्गो का उन्नयन, सड़क नेटवर्को को चौड़ा करना और सुधार करना दिल्ली और दिल्ली से बाहर प्रवास से संबंधित मामलों से निपटने की योजनाएं तैयार हुई हैं।