मुख्यमंत्री ने फोन पर कहा कि राजनांदगांव जिले में जनजाति पर अत्याचार से संबंधित एक मामले में एफआईआर दर्ज करानी है।
उन्होंने कहा, “आप सीधे एफआईआर लिखेंगे क्या?” इस पर हेल्पलाइन प्रभारी सूबेदार एल. तिग्गा ने कहा, “जी नहीं, हम सीधे एफआईआर नहीं लिख सकते। चूंकि यह मामला राजनांदगांव जिले से संबंधित है, इसलिए इस संबंध में आपको राजनांदगांव पुलिस से संपर्क करना होगा। वहां आपकी एफआईआर सीधे लिखी जाएगी।”
बातचीत के अंत में मुख्यमंत्री ने अपना परिचय दिया।
मुख्यमंत्री सोमवार को मंत्रालय में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण के लिए गठित राज्यस्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की बैठक ले रहे थे। बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण के लिए एक हेल्पलाइन बनाई गई है। कोई भी पीड़ित व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 1036 पर अपनी समस्या बता सकता है।
मुख्यमंत्री ने परीक्षण के लिए बैठक के दौरान ही हेल्पलाइन नंबर 1036 पर स्वयं मोबाइल से फोन लगाकर बात की और तत्काल जवाब मिलने पर संतोष जताया।