मुंबई, 8 जून (आईएएनएस)। शिवसेना ने सोमवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को चेतावनी दी है कि यदि वह शहर में महापुरुषों के स्मारक निर्माण को नाजायज मानती है, तो वह महाराष्ट्र में सरकारी जमीनों पर निर्मित हजारों अवैध मस्जिदें ढहा कर दिखाए।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, “क्या वे अनधिकृत मस्जिदों को ढहाने की मांग करेंगे? मुसलमानों को हज तीर्थयात्रा सब्सिडी से बहुत लाभ होता है। यहां तक की हज रियायत भी सरकारी खजाने से आती है। क्या यह सार्वजनिक पूंजी की बर्बादी नहीं है।”
एआईएमआईएम ने हाल ही में मांग की थी कि सार्वजनिक जमीन और धन का इस्तेमाल प्रमुख नेताओं के स्मारक निर्माण पर नहीं किया जाना चाहिए। एआईएमआईएम ने शहर में छत्रपति शिवाजी, शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और वरिष्ठ भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे के स्मारक निर्माण की योजनाओं पर नाराजगी जताई थी।
एआईएमआईएम ने तर्क दिया था कि इस सार्वजनिक निधि का उपयोग नेताओं के नाम पर अस्पतालों के निर्माण पर किया जाना चाहिए। पार्टी विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि यदि इस तरह के स्मारक बनाने हैं तो उन्हें निजी जमीन पर बनाया जा सकता है।
सामना के मुताबिक, “पार्टी प्रमुख अकबरुद्दीन ओवैसी से इसी बात की उम्मीद की जा सकती है। इन्होंने औरंगजेब की समाधि पर नमाज अदा की है। आखिरकार, एआईएमआईएम औरंगजेब और अफजल खान से प्रेरित है।”
जलील ने चेतावनी दी थी कि यदि एआईएमआईएम की मांग नहीं मानी गई तो उनकी पार्टी न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। शिवसेना ने इसे महाराष्ट्र के साथ विश्वासघात बताया है।