नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। मोदी सरकार के डिजिटल भारत अभियान के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब इंटरेक्टिव वेब पोर्टलों और मोबाइल एप पर टीकाकरण अभियान, मां और बच्चें की देखभाल जैसे कार्यक्रम लाने की कोशिश कर रहा है।
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। मोदी सरकार के डिजिटल भारत अभियान के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब इंटरेक्टिव वेब पोर्टलों और मोबाइल एप पर टीकाकरण अभियान, मां और बच्चें की देखभाल जैसे कार्यक्रम लाने की कोशिश कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ मंत्री जेपी नड्डा ने सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सभी सेवाओं को डिजिटल बनाने की बात कही है।
मंत्रालय ने नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक वेब पोर्टल बनाया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ पोर्टल (डब्लूडब्लूडब्लू डॉट एनएचपी डॉट गव डॉट इन) का शुभारंभ पिछले सप्ताह नड्डा द्वारा शिमला में किया गया था।
स्वास्थ मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि पोर्टल की गतिविधियों को प्रबंधन करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान (एनएचएफडब्लू) ने एक विशेष सेंटर फॉर हेल्थ इनफॉर्मेटिक्स का गठन किया है।
कुमार ने कहा, “पोर्टल का लक्ष्य इसे नागरिकों, छात्रों और स्वास्थ्य कर्मियों और शोधकताओं को सभी के लिए एक प्रामाणिक स्रोत बनाना है।”
यह भारत के सभी नागरिकों के लिए सत्यापित जानकारी का प्रसार करेगा।
कुमार ने कहा कि देश भर में स्थापित 565 विशेष नवजात देखभाल इकाइयों में से 50 फीसदी को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ले आया गया है।
कुमार ने कहा, “हमारा उद्देश्य 100 फीसदी विशेष इकाइयों को ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ना है।”
मंत्रालय ने व्यापक टीकाकरण अभियान के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की है। इसे ‘मिशन इंद्रधनुष’ नाम दिया गया है।
इसके अलावा सरकार जल्द ही एक और सेवा शुरू करेगी, जो नागरिकों को नवजात और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण और नियमित जांच की सूचना देगी।
इसके तहत मोबाइल संदेश के जरिए माताओं को बताया जाएगा कि उनके नवजात को टीका लगाया जाना है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को बताया जाएगा कि उनका गर्भ छह महीने का हो गया है और उन्हें नियमित जांच करानी शुरू कर देनी चाहिए।
ये सब इस साल अगस्त में मां और बच्चों की देखभाल के लिए शुरु की जा रही स्वास्थ्य मंत्रालय की नई योजना ‘किलकारी’ का हिस्सा है।
अब तक कुल 78 विशिष्ट संदेशों की पहचान की गई हैं इसके बाद और भी संदेश बाद में जोड़े जाएंगे।
कुमार ने यह भी बताया कि मंत्रालय राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) को भी ऑनलाइन लाने की योजना बना रहा है।