ढाका, 7 जून (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पाकिस्तान से बाग्लांदेश को आजाद कराने में उनके योगदान के लिए रविवार को बांग्लादेश स्वंतत्रता युद्ध सम्मान प्रदान किया गया।
दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुरस्कार को पूर्व प्रधानमंत्री के स्थान पर स्वीकार किया। ढाका में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद ने उन्हें यह पुरस्कार सौंपा।
मोदी ने कहा कि यह भारत के लोगों के लिए गौरव का क्षण है।
संसद में दिसंबर 1971 में वाजपेयी के भाषण को याद करते हुए मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत और बांग्लादेश के बीच मित्रता का ऐसा बंधन है जो किसी भी दबाव के आगे नहीं टूटेगा और न ही कभी किसी कूटनीति का शिकार होगा।
मोदी ने वाजपेयी के भाषण का हवाला देते हुए कहा, “देर से ही सही बांग्लादेश को मान्यता प्रदान करके, एक सही कदम उठाया गया है। इतिहास को बदलने की प्रक्रिया हमारे सामने चल रही है।”
वाजपेयी के भाषण को दोहराते हुए मोदी ने कहा, “नियति ने इस संसद को, इस देश को ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में रख दिया है जब हम न केवल मुक्ति संग्राम में अपने जीवन की आहुति देने वालों के साथ लड़ रहे हैं, बल्कि हम इतिहास को एक नई दिशा देने का भी प्रयास कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा था, “आज बांग्लादेश में अपनी आजादी के लिए लड़ने वालों और भारतीय जवानों का रक्त साथ-साथ बह रहा है। यह रक्त ऐसे संबंधों का निर्माण करेगा जो किसी भी दबाव से टूटेंगे नहीं, जो किसी भी कूटनीति का शिकार नहीं बनेंगे। बांग्लांदेश की मुक्ति अब निकट आ रही है।”
मोदी ने कहा कि वाजपेयी का संदेश हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को देना है।
स्वयं की बात करते हुए मोदी ने कहा कि यद्यपि वह राजनीति में काफी देर से आए। उन्होंने कहा कि वाजपेयी द्वारा 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए बुलाए गए सत्याग्रह में शामिल होने के लिए दिल्ली आने वाले कई कार्यकर्ताओं में वह भी शामिल थे।
उन्होंने स्वयं को उन लाखों भारतीयों में से एक बताया जो चाहता था कि इस संकल्पना को महसूस किया जाए।
मोदी ने कहा कि यह सम्मान ऐसे नेता को दिया जा रहा है जो उनकी प्रेरणा है और जिन्होंने बांग्लादेश मुक्ति युद्ध को दौरान विपक्ष के नेता के रूप में मार्गदर्शन किया।
मोदी ने कहा, “मेरे जैसे लाखों लोगों के लिए प्रेरणामूर्ति भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी को बांग्लादेश सम्मानित कर रहा है।”
मोदी ने कहा, “अगर वाजपेयी जी स्वास्थ्य ठीक होता और आज वह स्वंय यहां मौजूद होते तो इस अवसर को चार चांद लग जाते।”
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनके देश के मुक्ति युद्ध में वाजपेयी के योगदान का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, “एक राजनेता केतौर पर अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा बांग्लादेश को दिए गए उनके उदार सहयोग ने हमारे ध्येय (बांग्लादेश की स्वतंत्रता) के लिए समर्थन जुटाने में अहम भूमिका निभाई।”