लखनऊ, 7 जून (आईएएनएस)। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए पहली बार आयोजित ‘गवर्नमेंट-कनेक्ट राउंडटेबल’ में यहां उत्तर प्रदेश की कई उपलब्धियां सामने आईं।
हम में से शायद ही कोई यह जानता होगा कि ई-गवर्नेस में अव्वल रहे उत्तर प्रदेश में प्रधान सचिव और जिलाधीशों के बीच साल भर में 300 वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई। यह संख्या गत एक साल में किसी भी अन्य राज्य ने हासिल नहीं की। इससे राज्य सरकार को सालाना 36 करोड़ रुपये की बचत हुई।
राज्य ने हाल में लेखपाल (अकाउंटेंट) के लिए 3,000 रिक्तियों का विज्ञापन प्रकाशित किया था। जिसके लिए आखिरी दिन 12 लाख आवेदन आए और कुल 32 लाख आवेदन आए।
राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) की राज्य इकाई के कुशल प्रबंधन के कारण इतने अधिक ट्रैफिक के बाद भी वेबसाइट एक बार भी क्रैश नहीं हुई।
स्कूली शिक्षा में से अवैध लाभार्थियों को बाहर निकालकर एनआईसी-यूपी ने राज्य के लिए 522 करोड़ रुपये की बचत की।
शुक्रवार रात गवर्नमेंट रीकनेक्ट राउंडटेबल में यह जानकारी सौरभ गुप्ता ने दी। राउंडटेब का उद्घाटन राज्य के पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने किया।
सौरभ गुप्ता एनआईसी-यूपी के प्रमुख हैं।
उत्तर प्रदेश ने नोएडा-आगरा एक्सप्रेसवे पर भी देश की सबसे अच्छी 3जी सेवा दी है।
डेल-इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी और पेनलिस्ट रमन बाउंत्रा ने बताया कि इस मार्ग पर सैकड़ों कैमरे से यातायात संचालन की निगरानी भी की जा रही है।
बाउंत्रा ने कहा, “देश, इसके कारोबार और नागरिकों के जीवनस्तर में बदलाव लाने के लिए प्रौद्योगिकी जरूरी है।”
सत्र का आयोजन गुड़गांव की कंपनी साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) और वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी डेल ने किया। सीएमआर साइबर मीडिया रिसर्च एंड सर्विसिस लिमिटेड की एक इकाई है, जो मार्केट रिसर्च सोसायटी ऑफ इंडिया की एक सदस्य है।
सीएमआर के विश्लेषकों ने कहा कि राज्य सरकार और सरकारी कंपनियों के 29 फीसदी हितधारक एक मजबूत डाटा केंद्र चाहते हैं, जो रात-दिन बिना रुके काम करते रहे।
सीएमआर और डेल अलग-अलग राज्यों की राजधानियों में एक-के-बाद-एक राउंडटेबल आयोजित करेंगी। इसके जरिए राज्य के नेतृत्व को प्रशासन के लक्ष्यों को हासिल करने में प्रौद्योगिकी के महत्व से अवगत कराया जाएगा।
राउंडटेबल के पेनलिस्टों में शामिल थे पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह, सीएमआर अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, डेल इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी रमन बाउंत्रा और एनआईसी के सौरभ गुप्ता।
सत्र का अंत एक पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसका विषय था ई-प्रशासन परियोजनाओं की अदायगी में सुधार के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और उत्तर प्रदेश में एक मजबूत सूचना परितंत्र का विकास।