आनंदपुर, 6 जून (आईएएनएस)। पंजाब के मैदानी इलाके का धार्मिक शहर आनंदपुर साहिब जून की भीषण गर्मी में अपने 350वें स्थापना दिवस के लिए संवर रहा है। यहां हर ओर सफेदी ही सफेदी नजर आ रही है।
आनंदपुर, 6 जून (आईएएनएस)। पंजाब के मैदानी इलाके का धार्मिक शहर आनंदपुर साहिब जून की भीषण गर्मी में अपने 350वें स्थापना दिवस के लिए संवर रहा है। यहां हर ओर सफेदी ही सफेदी नजर आ रही है।
स्थापना दिवस समारोह के लिए पंजाब सरकार ने खाका तैयार कर लिया है। यह मौका बहुत खास है, क्योंकि इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है।
पंजाब सरकार और इसकी एजेंसियां यहा 17 से 19 जून तक बड़ा आयोजन करने जा रही है।
नंगल कस्बे में रहने वाले निर्मल सिंह रोजाना आनंदपुर साहिब जाते हैं। उन्होंने आईएएनएस को बताया, “अधिकांश सरकारी इमारतों और दूसरे भवनों को सफेद रंग से रंगा गया है। इससे शहर कुछ अलग और नई तरह का लगने लगा है।”
शहर को नया स्वरूप देने के लिए तैनात किए गए अधिकारियों का कहना है कि “इमारतों की रंगाई का काम 15 जून तक पूरा हो जाएगा।”
आनंदपुर साहिब, चंढ़ीगढ़ से 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे तख्त केशगढ़ साहिब भी कहा जाता है। अमृतसर स्थित हरमंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के बाद यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण सिख मंदिर है।
आनंदपुर साहिब मंदिर रोजाना हजारों की संख्या में भक्तों को आकíषत करता है। यहां महत्वपूर्ण दिनों के अलावा सप्ताहांत पर भी भक्तों की भाी भीड़ उमड़ती है।
यहां का सिख मंदिर और यह शहर सन् 1699 से ही प्रसिद्ध हैं, क्योंकि उसी वर्ष सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह ने यहीं खालसा पंथ की स्थापना की थी और पांच युवकों को दीक्षा देर उन्हें ‘पंज प्यारे’ घोषित किया था।
इससे पहले, सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर ने 19 जून 1665 को इस शहर की नींव रखी थी।
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बाद आयोजित होने वाले इस समारोह में व्यक्तिगत रूप से रुचि ले रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को शामिल कर उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को अपने आनंदपुर साहिब दौरे की पुष्टि कर दी है।
बादल ने कहा कि समारोह में गणमान्य व्यक्तियों और प्रख्यात धाíमक हस्तियों को आमंत्रित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “मैंने अधिकारियों को श्री आनंदपुर साहिब की 350वीं वर्षगांठ को उचित तरीके से यादगार बनाने के निर्देश दिए हैं। हम यहां सिख पंथ की गौरवशाली विरासत का प्रदर्शन करेंगे।”
राज्य सरकार तीन-दिवसीय समारोह के दौरान सैकड़ों की तादाद में पहुंचने वाले भक्तों के ठहरने और खाने-पीने के लिए उत्तम प्रबंध करने में जुटी है।