नई दिल्ली।। भारत की सबसे बड़ी कारमेकर कंपनी मारुति सुजुकी ने गुड़गांव प्लांट में पेट्रोल कार प्रॉडक्शन रोकने का फैसला किया है। यह प्रॉडक्शन कल यानी शनिवार से रोका जाएगा। इससे पहले कारों की कम बिक्री की वजह से टाटा मोटर्स भी प्रॉडक्शन में कटौती कर चुकी है।
मारुति को भी यह फैसला कारों की बिक्री में मंदी की वजह से लेना पड़ा। मंदी का सामना डीजल कारों को भी करना पड़ रहा है। कंपनी के डीलरों के पास एक-डेढ़ महीने पुराना स्टॉक पड़ा हुआ है।
गुड़गांव प्लांट मारुति सुजुकी का सबसे बड़ा और सबसे पुराना प्लांट है। यहां पर 1500-1800 कारें हर रोज बनती हैं, जिनमें ऑल्टो, मारुति 800 और वैगनआर शामिल हैं। मारुति ने अपने सभी कर्मचारियों को शनिवार से न आने के लिए कह दिया है।
मारुति का मानेसर प्लांट चलता रहेगा। यहां पर कंपनी डीजल कारें बनाती है।
फरवरी 2013 में मारुति ने बिक्री में 7.89 फीसदी की गिरावट के बाद कुल 1,09,567 गाड़ियां बेचीं। पिछले साल इसी महीने में कंपनी ने 1,18,949 गाड़ियां बेची थीं। गुड़गांव प्लांट में प्रॉडक्शन बंद होने की खबर आने के बाद कंपनी के शेयर डेढ़-दो फीसदी लुढक गए।
टर्नओवर के लिहाज से देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर टाटा मोटर्स ने सेल्स गिरने और इनवेंटरी बढ़ने से प्रोडक्शन में कटौती कर चुकी है। जनवरी में टाटा मोटर्स ने साणंद और पुणे प्लांट में पैसेंजर कार प्रॉडक्शन घटाकर दो से एक शिफ्ट में कर दिया था। साणंद प्लांट में नैनो की मैन्युफैक्चरिंग होती है। अभी यह प्लांट अपनी कपैसिटी के 40 फीसदी पर काम कर रहा है। इंडिका और इंडिगो के साथ ही सूमो, सफारी और आरिया जैसे यूटिलिटी वीइकल्स का प्रॉडक्शन करने वाली कंपनी की पुणे फैक्टरी लगभग 50 फीसदी कपैसिटी पर चल रही है।
टाटा मोटर्स ने फरवरी में 10,613 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल इसी महीने की 34,832 यूनिट से 70 फीसदी कम है। यह 6 साल में सबसे तेज गिरावट है।