नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| देश में मैगी 25 वर्षो से लोगों, खासकर बच्चों की मनपसंद डिश रही है। लेकिन फिलहाल वह कुछ पदार्थो की निर्धारित सीमा से अधिक मौजूदगी को लेकर विवादों में घिरी है और कभी इसके दीवाने रहे उपभोक्ता अब मैगी से दूरी बनाने लगे हैं। कंपनी ने भी अब मैगी की बिक्री न करने का फैसला लिया है।
मैगी के नमूनों की जांच में कुछ पदार्थ तय सीमा से अधिक मात्रा में मिले हैं, जिसके चलते मैगी खाने को लेकर लोग सावधानी बरत रहे हैं। मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले हालांकि इस मामले में अपना रुख कायम किए हुए है। कंपनी का कहना है कि उसके उत्पाद खाने के लिए सुरक्षित हैं।
नोएडा में रहने वाली एक गृहणी रामेश्वरी देवी ने आईएएनएस से कहा, “बच्चों के लिए यह सबसे जल्दी तैयार हो जाने वाला खाना था, खास तौर पर तब जब वह स्कूल से आते थे और भूखे होते थे। लेकिन मैं उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं कर सकती।”
इस घटनाक्रम से छात्रावस में रहने वाले छात्रों को भी तड़का झटका लगा है, क्योंकि उनके लिए वक्त-बेवक्त तुरंत भूख मिटाने का मैगी एक अच्छा विकल्प था। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र और हॉस्टल में रहने वाले वरुण मिथानी ने कहा, “उसे (मैगी) बनाना बहुत आसान था और हमारे लिए वह बहुत सस्ती भी थी। अगर वह सुरक्षित नहीं है तो हमें उसका विकल्प ढूंढना होगा।”
रिपोर्टों के मुताबिक, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मैगी के नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है।
इस साल अप्रैल में उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण ने मैगी के नमूनों का परीक्षण कराया था। इन परीक्षणों में पाया गया था कि मैगी में तय सीमा से अधिक मात्रा में लेड (शीशा) मौजूद है। इसके बाद एफएसडीए ने मैगी को अपनी पूरी एक खेप वापस लेने का आदेश दिया था। इसी आदेश के बाद से पूरे देश में मैगी के नमूनों की जांच की जा रही है।
इन चिंताओं के बीच नेस्ले ने एक बार फिर विवाद को ठंडा करने की कोशिश की है। नेस्ले का कहना है कि वह राज्य सरकार द्वारा की गई किसी कार्रवाई से आधिकारिक रूप से अनभिज्ञ हैं।
नेस्ले ने बुधवार को एक बयान में कहा, “हमें अधिकारियों से अभी तक कोई शासकीय आदेश नहीं मिला है। हम उन अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं, जिन्होंने परीक्षण कराए हैं और उसके (मैगी) परिणामों का इंतजार कर रहे हैं।”
बहरहाल, इस घटनाक्रम के कारण मैगी की बिक्री प्रभावित हुई है। राष्ट्रीय राजधानी में मैगी बेचने वाले वितरकों और दुकानदारों ने आईएएनएस से कहा कि बीते एक सप्ताह में मैगी की बिक्री में भारी गिरावट हुई है।
मैगी वितरक बी.के. मिश्रा ने कहा, “नोएडा और उसके आसपास के इलाकों की दुकानों पर मैं प्रतिदिन 100,000 पैकेज मैगी की आपूर्ति करता था। लेकिन बीते तीन दिनों से हमने आपूर्ति को पूरी तरह से रोक दिया है।”