श्रीनगर, 4 जून (आईएएनएस)। कश्मीर घाटी में पिछले दो महीनों से जारी बारिश से स्थानीय किसान और फल उत्पादक चिंतित हैं। खराब मौसम की वजह से धान की रोपाई प्रभावित हुई है और फल वृक्षों को नुकसान होने की आशंका है।
कश्मीर में मई और जून का महीना धान की रोपाई के लिए खासा महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इन दो महीनों में धान के पौधे नर्सरी से निकालकर खेतों में रोपे जाते हैं।
लगातार बारिश से सिर्फ रोपाई ही प्रभावित नहीं हुई है, बल्कि नर्सरियों में पौधे का सामान्य विकास भी बाधित हुआ है।
उत्तरी कश्मीर के एक किसान जावेद अहमद (42) ने कहा, “इस मौसम में हमारे चारे का सही से विकास नहीं हुआ और अब लगातार बारिश से चावल की पैदावार प्रभावित हो रही है।”
अपने बागानों में नमी को लेकर फल उत्पादक भी खासा चिंतित हैं।
श्रीनगर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. शेख बिलाल का कहना है, “बारिश के मौसम में बागानों में फफूंदी संबंधी बीमारियां हो जाती हैं, क्योंकि पेड़ों के पत्तों और टहनियों पर नमी काफी समय तक बनी रहती है।”
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों तक मौसम इसी तरह बना रह सकता है।
स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने आईएएनएस को बताया, “आज (गुरुवार) कश्मीर घाटी, जम्मू एवं लद्दाख क्षेत्रों में आंधी के साथ हल्की से सामान्य बारिश हो सकती है। दोपहर बाद ही मौसम में कुछ सुधार हो सकता है। अगले सप्ताह भी जम्मू एवं कश्मीर में दोबारा हल्की बारिश हो सकती है।”