नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। सिर्फ दो मिनट में तैयार होने वाली लजीज ‘मैगी’ के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। 25 वर्षो से अपने चाहने वालों की जुबां पर राज करने वाली मैगी पर बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में 15 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया।
सुदूर दक्षिणी राज्य केरल में भी सरकार ने सरकारी दुकानों में मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा में मैगी के नमूने इकट्ठा कर जांच के लिए भेज दिया गया है। गोवा में हालांकि मैगी की गुणवत्ता ठीक पाई गई है।
दिल्ली सरकार ने बुधवार को 15 दिनों के लिए मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी है। सरकार का यह फैसला एकत्र किए गए नमूनों की जांच के बाद आया है। इन नमूनों में लेड (शीशा) की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक पाई गई थी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने पत्रकारों से कहा, “हमने नेस्ले से राज्य के सभी दुकानों से मैगी की पूरी खेप वापस लेने को कहा है। हम राष्ट्रीय राजधानी में मैगी की बिक्री पर 15 दिनों का प्रतिबंध लगा रहे हैं। यह प्रतिबंध आज (बुधवार) से ही लागू होगा।”
जैन ने कहा कि नेस्ले के कुछ अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की है और उन्हें इस मामले पर अपनी सफाई दी है, लेकिन दिल्ली सरकार उनकी सफाई से संतुष्ट नहीं हुई।
इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों की सरकारों ने मैगी के नमूनों का परीक्षण कराने के आदेश दिए हैं। पंजाब में अधिकारियों ने बुधवार को मैगी के नमूनों की जांच के आदेश दिए हैं। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत कुमार ज्ञानी ने कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों से मैगी के नमूने लिए जा रहे हैं और उन्हें प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है।
इसके अलावा ओडिशा, हिमाचल, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की सरकारों ने भी मैगी के नमूनों की जांच के आदेश दिए हैं।
बिहार में मैगी के 16 नमूने इकट्ठे किए गए हैं और उन्हें जांच के लिए कोलकाता की प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य निदेशालय के एक अधिकारी ने दी।
तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की सरकार ने मैगी के नमूनों की जांच का आदेश दिया है। हैदाराबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन (आईपीए) ने तेलंगाना के विभिन्न जिलों से मैगी के 22 नमूने इकट्ठे किए हैं।
वहीं कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री यू.टी. खादर ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक सरकार ने मैगी समेत सभी प्रकार के नूडल्स की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी नूडल्स मानकों के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापत ने कहा कि मुंबई, ठाणे, नासिक, पुणे और नागपुर के विभिन्न दुकानों से मैगी के नमूने इकट्ठे किए गए हैं और उनका मुंबई और पुणे स्थित सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जा रहा है।
ओडिशा सरकार ने भी मैगी के नमूने इकट्ठे कर पुणे की एक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिए हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्री सधन पाण्डेय ने कहा, “अपने विभाग से मैंने मैगी समेत कई अन्य उत्पादों को जांच के लिए भेजा है।”
वहीं भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि मैगी खाने और कैंटीनों में मैगी की बिक्री रोकने के लिए एक परामर्श जारी किया है।
केंद्रीय भंडार के अधिकारियों ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी और उसकी सीमा से लगे शहर नोएडा और गुड़गांव में अपनी खुदरा दुकानों में मैगी की बिक्री बंद कर देगा।
बुधवार को मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया के शेयर में 9.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
नेस्ले ने कहा कि उसने मैगी की लगभग 600 खेपों में से नमूने इकट्ठे कर उन्हें स्वतंत्र जांच के लिए बाहर की प्रयोगशालाओं में भेज दिया है। आईएएनएस ने कंपनी से प्रयोगशालाओं के परिणामों पर जानकारी मांगी थी, जिसको लेकर कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
नेस्ले ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से की गई किसी भी कार्रवाई से अनभिज्ञता जताई है। कंपनी ने एक बयान में कहा, “हमें अधिकारियों से अभी तक कोई शासकीय आदेश नहीं मिला है।”
वहीं गोवा में मैगी के परीक्षण में वह खाने के लिए सुरक्षित पाई गई है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने मैगी विवाद पर बुधवार को खाद्य सुरक्षा नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का बचाव किया।
पासवान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “लाइसेंस लेने के बाद अगर कोई गड़बड़ी करता है और उपभोक्ता को गुमराह करते हैं तो एफएसएसएआई इसके लिए जिम्मेदार कैसे हो सकता है।”
वहीं बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कहा कि मैगी मामले में उन्हें अभी तक कोई कानूनी नोटिस नहीं मिला है, फिर भी वह कानूनी कार्यवाहियों में पूरा सहयोग करेंगे।
उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग द्वारा कराए गए परीक्षण में खुलासा हुआ था कि मैगी में तय सीमा से अधिक मात्रा में मोनोसोडियन ग्लूटमेट और लेड (शीशा) पाया गया है, जिसके बाद से पूरे देश में मैगी के नमूनों की जांच शुरू हो गई है।