बेरोजगारी देश की बड़ी समस्या है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नकेंद्र मोदी ने रोजगार के अवसर बढ़ाने का वादा किया था। इसके लिए व्यापक योजना पर अमल आवश्यक है, क्योंकि सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर कम हुए हैं। ऐसे में निजी क्षेत्र व स्वरोजगार में संभावना बढ़ानी होगी।
स्किल डेवलपमेंट योजना आगे चलकर बेरोजगारी की समस्या का समाधान कर सकती है। इसीलिए मोदी सरकार ने इस पर काम करने के लिए अलग से मंत्रालय बनाया है।
यह अच्छी बात है कि सरकार के कई आर्थिक सुधारों के चलते अनेक क्षेत्रों से रोजगार के अवसर बढ़ाने की संभावना है। रिजर्व बैंक ने बुनियादी ढांचा वित्तपोषण कंपनी आईडीएफसी व सूक्ष्म वित्त कंपनी बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज को दो नए बैंकिंग लाइसेंस दिए हैं। इससे बैंकिंग क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
विशेषज्ञों का दावा है कि इस वर्ष बैंकिंग क्षेत्र की नियुक्तियों में पच्चीस प्रतिशत तक वृद्धि होगी। यह बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था में तेजी, नीतिगत मोर्चे पर बदलाव तथा कारोबारी धारणा में सुधार के कारण हो रही है। पीपल स्ट्रांग के अनुसार, सभी स्तरों पर भर्तियां होंगी।
यह उद्योग का मानक है कि जब किसी क्षेत्र में वृद्धि होती है, तब वेतन का स्तर भी बढ़ता है। नौजवानों के लिए यह उत्साहजनक खबर है। इसके अलावा माइकल पेज इंडिया की ओर से कहा गया कि निवेश बैंकिंग, कार्पोरेट व निजी बैंकिंग तथा गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों में विभिन्न स्तरों पर नौकरियां बढ़ेंगी। ग्लोबलहंट संस्था भी एक हद तक इन दावों से सहमत है। औद्योगिक क्षेत्र में जब पूंजी निवेश बढ़ेगा, तो रोजगार के अवसर में भी तेजी आएगी।
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मोदी सरकार इससे अलग भी काम कर रही है। जो लोग अपना छोटा कारोबार शुरू करना चाहेंगे, सरकार उन्हें असान किस्तों पर ऋण देगी। इससे रोजगार के अवसरों में दुगनी वृद्धि होने का अनुमान है। (आईएएनएस/आईपीएन)
(लेखक डॉ. दिलीप अग्निहोत्री चर्चित स्तंभकार हैं)