मुंबई, 31 मई (आईएएनएस)। शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा और आर्थिक आंकड़ों पर निवेशकों की निगाह टिकी रहेगी।
अगले सप्ताह निवेशकों की नजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।
आरबीआई मंगलवार दो जून को 2015-16 के लिए दूसरी दुमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। कारोबारियों को उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर में कटौती करने का फैसला कर सकता है, जो अभी 7.50 फीसदी है।
रेपो दर वह दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से छोटी अवधि के लिए ऋण लेते हैं।
मार्केट इकोनॉमिक्स मंगलवार (एक जून) को मई महीने के लिए एचएसबीसी इंडिया मैन्यूफैक्च रिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) जारी करेगी। इंडेक्स अप्रैल महीने में घटकर 51.3 पर दर्ज किया गया था, जो मार्च में 52.1 पर था।
मार्केट इकोनॉमिक्स गुरुवार (तीन जून) को एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई जारी करेगी। यह इंडेक्स अप्रैल महीने में घटकर 52.4 पर दर्ज किया गया था, जो एक महीने पहले 53 पर था।
आगामी सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी, क्योंकि वाहन कंपनियां पिछले महीने हुई बिक्री के आंकड़े सोमवार से जारी करना शुरू करेंगी।
आगामी सप्ताह में निवेशकों की नजर मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। भारत मौसम कार्यालय ने मानसून के कमजोर रहने की उम्मीद जताई है। मानसून के दौरान कम बारिश होने से कृषि प्रभावित हो सकती है और इसके कारण अर्थव्यवस्था में मांग कमजोर रह सकती है, जिसका कई कंपनियों के शेयरों पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आगामी दो सप्ताह में ग्रीस अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को 1.6 अरब यूरो का कर्ज चुकाने वाला है। ग्रीस यदि कर्ज चुकाने में विफल रहता है, तो इसका पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।