भोपाल– आंकारेश्वर मंदिर के डेढ़ सौ के करीब पुजारियों ने जिला प्रशासन के मनमाने रवैये के विरोध में इस्लाम धर्म अपनाने की धमकी दी है। जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
पुजारियों का आरोप है कि प्रशासन उनके कार्यों में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप करता है। प्रशासन के रवैये के विरोध में मंदिर के पंडे-पुजारी धरने पर भी बैठ गए। मामला गर्माने पर प्रशासन उनकी मान मनौव्वल में जुटा था। विवाद उस समय शुरू हुआ जब स्थानीय प्रशासन ने गत दिवस गंगा दशमी के मेले पर प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग पर किसी तरह की बाहरी सामग्री जैसे फूल-पत्ते जल और पूजन सामग्री चढ़ाने पर पाबंदी लगा दी।
स्थानीय पुजारियों और पंडों ने इसका विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। पुजारियों का आरोप था कि प्रशासन बेवजह उनके काम में हस्तक्षेप कर रहा है।
उनका कहना था कि ज्योर्तिलिंग पर शुरू से ही बेल पत्र और फूल आदि चढ़ते रहे हैं ऐसे में उन्हें मना करने का कोई तुक नहीं है। इसके बाद पुजारी मंदिर में ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन उनके कार्य में हस्तक्षेप करता रहा तो वो अपने परिवार सहित इस्लाम धर्म अपनाने पर मजबूर हो जाएंगे। प्रशासन के इस मनमाने रवैये के विरोध में श्रद्धालुओं ने भी जमकर हंगामा काटा।
असल में प्रशासन ने गर्भगृह में उनके जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद गुरुवार सुबह से ही किसी को अंदर नहीं जाने दिया गया। बताया जा रहा है कि इस मामले में मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की आपसी सहमति थी।
जिस पर पुजारियों की ओर से मंदिर ट्रस्ट को एक ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी कि अगर इसी तरह से पुजारियों का शोषण होता रहा तो वो परिवारों सहित अपना धर्म त्याग देंगे। इसकी एक प्रति मुख्यमंत्री और अन्य बड़े अधिकारियों को भी भेजी गई है। हालांकि हंगामा होने पर दोपहर बाद सभी को मंदिर प्रवेश में अनुमति दे दी गई।
वहीं खंडवा के कलेक्टर एमके अग्रवाल ने इस संबंध में कहा कि, मेरी जानकारी में ये मामला आया था। आमतौर पर सालभर में प्रमुख त्यौहारों पर वहां ये व्यवस्था रहती है कि सुबह छह बजे तक श्रद्धालुओं और पुजारियों को ज्योर्तिलिंग पर बेल फूल पत्ती चढ़ाने की अनुमति रहती है। इसके बाद उसे बंद कर दिया जाता है। जिससे साफ सफाई और व्यवस्था बनी रहे। मामला सामने आने पर बाद में इसकी अनुमति भी दे दी गई थी, अब कुछ लोग इसे जानबूझकर मुद्दा बना रहे हैं।