नई दिल्ली, 13 मई (आईएएनएस)। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री मनसुखभाई धांजीभाई वसावा ने बुधवार को कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए 12 लघु वन उत्पाद चिन्हित किए गए हैं।
वसावा ने बुधवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया, “न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वन उत्पाद (एमएफपी) के विपणन तथा लघु वन उत्पाद के लिए ‘मूल्य श्रृंखला के विकास की व्यवस्था’ नामक योजना के तहत शामिल करने के लिए मंत्रालय द्वारा चिन्हित 12 अलग-अलग लघु वन उत्पाद (एमएफपी) ये हैं : 1. तेंदू, 2. बांस, 3. महुआ के बीज, 4. साल के पत्ते, 5. साल के बीज, 6. लाख, 7. चिरौंजी, 8. जंगली शहद, 9. हरीतिका, 10. इमली, 11. गोंद (गोंद कराया) तथा 12. करंज।”
यह योजना भारतीय संविधान की 5वीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से जुड़े राज्यों अर्थात आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान तथा तेलंगाना में कार्यान्वित की गई है।
आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना राज्यों में अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3(1)(ग) के अनुरूप लघु वन उत्पाद के व्यापार को नियंत्रण मुक्त नहीं किया गया है तथा सभी लघु वन उत्पाद को राज्य के एकाधिकार में रखा गया है।
अत: यह योजना इन दो राज्यों में कार्यान्वित नहीं की गई है। इस मंत्रालय ने चिन्हित लघु वन उत्पाद को न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत लाने हेतु एकाधिकार खरीद प्रणाली को हटाने के लिए दोनों राज्यों से अनुरोध किया है।