नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। हाल ही में हुए एक मत सर्वेक्षण में 78 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार से भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस लेने की मांग की तथा सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के बाद से नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में गिरावट आई है।
यह सर्वेक्षण सोमवार को जारी किया गया, जिसमें 63 फीसदी लोगों ने मोदी सरकार को गरीब विरोधी और किसान विरोधी बताया।
इंडिया टीवी-सी वोटर द्वारा पूरे देश में करवाए गए इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि प्रदर्शन के आधार पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सभी केंद्रीय मंत्रियों से आगे हैं।
इंडिया टीवी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है तथा सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 78 फीसदी लोगों ने केंद्र सरकार से विवादित भूमि अधिग्रहण विधेयक को वापस लिए जाने की मांग की।”
क्षेत्रवार आंकड़ों पर गौर करें तो सर्वेक्षण में कहा गया है कि उत्तर भारत के 65 फीसदी, पश्चिम भारत के 52 फीसदी, पूर्वी भारत के 34 फीसदी और दक्षिणी भारत के 38 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि मोदी की लोकप्रियता में गिरावट आई है।
केंद्रीय मंत्रियों में प्रदर्शन के आधार पर शीर्ष पर सुषमा स्वराज रहीं। उनके बाद दूसरे स्थान पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह रहे। 50 फीसदी प्रतिभागियों ने राजनाथ सिंह के प्रदर्शन को अच्छा बताया।
इसी क्रम में तीसरे पायदान पर वित्त मंत्री अरुण जेटली हैं, जिनके प्रदर्शन को 49 फीसदी प्रतिभागियों ने अच्छा बताया।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के प्रदर्शन को सिर्फ 44 फीसदी लोगों ने तथा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के प्रदर्शन को मात्र 40 फीसदी लोगों ने अच्छा बताया।
सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 59 फीसदी प्रतिभागियों ने हालांकि मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल के प्रति संतुष्टि भी जाहिर की, हालांकि 41 फीसदी लोगों ने असंतुष्ट होने की बात कही।
कुछ विशेष मुद्दों पर पूछे गए सवालों के जवाब में 64 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान महंगाई कम नहीं हुई, जबकि इतने ही लोगों ने सरकार द्वारा विदेशों में जमा काला धन वापस लाने को लेकर सरकार के प्रयास के प्रति संतुष्टि व्यक्त की है।
सर्वेक्षण में 51 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में भ्रष्टाचार में कमी आई है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को सर्वाधिक 46 फीसदी लोगों ने सबसे अच्छी योजना बताया, जबकि 19 फीसदी लोगों ने जन धन योजना को मोदी की सबसे अच्छी योजना चुना।
18 फीसदी लोगों ने मेक इन इंडिया, 11 फीसदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना और छह फीसदी लोगों ने इनमें से किसी योजना को नहीं चुना।