काठमांडू,10 मई (आईएएनएस)। नेपाल में 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप के दो सप्ताह बाद भी कई लोगों को राहत सामग्री नहीं मिल रही है और वे टेंट की कमी के कारण खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं।
वेबसाइट ‘कांतिपुर डॉट कॉम’ के मुताबिक, कई लोगों को सरकार की तरफ से राहत सामग्री नहीं मिली है और उन्हें टेंट और भोजन जैसी जरूरी सामग्रियों का इंतजार है।
भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित हुए सिंधुपालचौक जिले के बंशरखा गांव के निवासी नबीन लामा ने फोन पर बताया कि इलाके में जिन लोगों की राजनीतिज्ञों से जान पहचान है उन्हें ही मदद मिल रही है, बाकी लोगों को राहत सामग्री नहीं मिल रही।
लामा ने बताया, “बंशरखा में सभी 737 गांव नष्ट हो गए हैं, लेकिन सरकार की तरफ से न तो कोई सहायता मिली है और न ही उनका कोई प्रतिनिधि यहां पहुंचा है। हम स्थानीय आश्रम के भरोसे हैं।”
राहत सामग्रियों को वितरित करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय पर है और उन्होंने टेंट भेजने की जिम्मेदारी शहरी विकास मंत्रालय को सौंपी है।
गृह मंत्री लक्ष्मी प्रसाद ढाकल ने कहा, “हम खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक चीजों को जुटाने के लिए यथासंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन टेंट की मांग बहुत अधिक है, इसलिए हम सभी चीजों का प्रबंध करने में सक्षम नहीं हैं। हमने शहरी मंत्रालय को सहायता के लिए कहा है।”
भूकंप पीड़ित सिंधुपालचौक जिले में 2,88,798 मकान नष्ट हो गए हैं। सिंधुपालचौक, दोलक्खा, गोरखा, रासुआ, धाडिंग, नुआकोट और भक्तपुर में लोगों को शरणस्थल न मिलने के कारण समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
इधर, सरकार यह उम्मीद कर रही है कि पड़ोसी देशों की मदद से टेंट की कमी की समस्या को सुलझा लिया जाएगा। सरकार पड़ोसी देशों से टेंट खरीद भी रही है।
शहरी विकास मंत्रालय के प्रवक्ता पद्म कुमार मैनाली ने कहा, “स्थानीय आपूर्तिकर्ता भारत के चेन्नई से 1,02,500 टेंट लेकर आए हैं और अब हम उन्हें खरीदेंगे। आपूíतकर्ताओं को एक लाख टेंट और आयात करने के निर्देश दिए गए हैं।”