नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी स्थित उच्च न्यायालय का वित्तीय क्षेत्राधिकार बढ़ाने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया।
वित्तीय क्षेत्राधिकार का अर्थ संबंधित मामले के मूल्य या राशि पर आधारित किसी मुकदमे पर किसी अदालत के क्षेत्राधिकार से होता है।
दिल्ली उच्च न्यायालय अब दो करोड़ रुपये तक के मूल्य या राशि वाले मामलों की सुनवाई कर सकता है। इससे पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी।
इसके साथ ही अब दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास यह अधिकार हो गया है कि वह लंबित पड़े मामलों को किसी भी उपयुक्त अधीनस्थ न्यायालय को हस्तांतरित कर सकते हैं।