पन्ना/नई दिल्ली, 4 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में एक यात्री बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी और उसके बाद उसमें आग लग गई। इस हादसे में 21 यात्री जिंदा खाक हो गए। जबकि 12 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
राज्य सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
सागर संभाग के आयुक्त आर.के. माथुर ने आईएएनएस को बताया, “सोमवार को छतरपुर से सतना की ओर जा रही एक निजी यात्री बस पन्ना जिले में पांडव फाल के पास अपराह्न् लगभग दो बजे भैरव घाट क्षेत्र में अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी और उसके बाद उसमें आग लग गई। बस में सवार 12 यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया है।”
माथुर ने बताया, “बस में आग लगने के बाद विस्फोट की आवाज सुनी गई है। आग काफी विकराल थी। राहत व बचाव कार्य जारी है। इस हादसे में 21 लोगों की मौत हुई है। शव पूरी तरह कंकाल में बदल चुके हैं। घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं।”
माथुर ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार और मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की है।
मोदी ने नई दिल्ली में जारी एक शोक संदेश में कहा, “मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में बस दुर्घटना की यह खबर अत्यंत दुखद है। मृतकों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
पन्ना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर.डी. प्रजापति ने आईएएनएस को बताया, “अनूप ट्रैवल्स की इस बस में 32 सीटें थी, लिहाजा इतने ही यात्री इसमें रहे होंगे। 12 यात्रियों को बचा लिया गया है। मृतकों के शव पूरी तरह कंकाल में बदल चुके हैं। बस की पूरी तरह पड़ताल कर ली गई है। मरने वालों की संख्या 21 है। मृतकों की संख्या एक-दो बढ़ सकती है।”
इस बीच, पन्ना जनसंपर्क कार्यालय ने मृतकों की संख्या लगभग 50 बताई है। लेकिन आयुक्त माथुर ने इस आंकड़े की पुष्टि नहीं की।
जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “हादसे के समय बस में लगभग 65 यात्री सवार थे, जिनमें से 12 को बचा लिया गया है। आग में यात्रियों के शरीर पूरी तरह जल गए हैं, इस वजह से उनकी पहचान कर पाना संभव नहीं है।”
प्रत्यक्षदíशयों ने बताया कि बस के खाई में गिरते ही उसमें आग लग गई। बस उस तरफ पलटी थी, जिस तरफ दरवाजा होता है। नतीजतन यात्री बस से उतर नहीं पाए। कई यात्री बस के आगे का कांच तोड़कर बाहर निकले।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी भीषण थी कि जो यात्री भीतर थे, वे आग की लपटों में घिर गए और जलकर कंकाल में बदल गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मरने वालों में महिलाएं और बच्चे ही ज्यादा हैं। जीवित बचे बारह व्यक्तियों में 11 पुरुष हैं।
पुलिस के अनुसार, जो कंकाल मिले हैं, वे बड़ी उम्र के लोगों के हैं, लिहाजा इस बात की आशंका है कि मरने वाले बच्चों के कंकाल पूरी तरह खाक हो चुके होंगे।
सूत्रों के अनुसार, जब बस छतरपुर से चली थी तब उसमें 40 से ज्यादा यात्री सवार थे, इसलिए आशंका है कि मरने वालों का आंकड़ा 21 से ज्यादा हो सकता है।