पणजी, 4 मई (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के कारण गत छह से आठ महीने में रक्षा निर्यात में वृद्धि हुई होगी।
पर्रिकर ने यहां राज्य के दो दिवसीय दौरे के दौरान संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में यह बात कही।
उन्होंने कहा, “वास्तविक आंकड़ा कुछ समय बाद आएगा।” पर्रिकर से पूछा गया था कि क्या रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों का असर हुआ या नहीं।
पर्रिकर ने कहा, “रक्षा मंत्रालय की (नकारात्मक सूची) से अधिकतर उत्पादों को हटा दिया गया है। उन्हें निर्यात के लिए खोल दिया गया है। गत छह से आठ महीने में निर्यात अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) ऑनलाइन दिए जा रहे हैं। कोई शिकायत नहीं मिल रही है। पहले एनओसी हासिल करने में महीनों लग जाया करते थे। अब हम एक निश्चित अवधि के भीतर इसे दे रहे हैं। उद्योग से हमें सूचना मिली है कि उन्हें निश्चित अवधि के भीतर ही एनओसी मिल रहा है। यही नहीं यह उनकी उम्मीद से भी पहले मिल रहा है।”
उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद में मेक इन इंडिया उनकी प्राथमिकता रहती है।
उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद में वैश्विक उत्पाद की हिस्सेदारी काफी कम रह गई है और अधिकतर उत्पाद भारत में बने होते हैं।
पर्रिकर ने बताया कि नकारात्मक सूची से दो-तिहाई उत्पादों को बाहर कर दिया गया है और इससे उनके विनिर्माण और व्यापार को बढ़ावा मिला है।
मंत्री ने कहा, “सामानों को सूची से हटाने के बाद वे निर्यात के लिए मुक्त हो गए। उनका निर्विरोध व्यापार हो सकता है। इसलिए उनमें एनओसी की अनिवार्यता स्वत: समाप्त हो गई। अब विनिर्माण और निर्यात के लिए अधिक सामान उपलब्ध हो गए हैं।”