हरिद्वार, 3 मई (आईएएनएस)। यूं तो नेपाल की त्रासदी को लेकर मानव मात्र की संवेदना अपनी चरम पर है, देश और दुनिया अपनी सहायता भेज रहे हैं, लेकिन सात साल का एक छोटा-सा बालक जब अपनी गुल्लक भूकंप पीड़ितों के लिए दान कर दे, तो उसे आप क्या कहेंगे?
नेपाल की त्रासदी ने पूरी दुनिया को आहत किया है, नौनिहालों के चेहरे पर भी मायूसी स्पष्ट देखी जा सकती है। गुल्लक दान करने वाले सात साल के पुष्कर में भी भूकंप पीड़ितों के लिए पीड़ा दिखाई दी।
पुष्कर उन नौनिहालों में से एक है, जिसने अपने माता-पिता के साथ केदारनाथ त्रासदी में अपनी दो साल से एकत्रित गुल्लक को बाढ़ पीड़ितों के बच्चों की किताब खरीदने के लिए दान कर दिया था।
पुष्कर बड़े अरमान के साथ जेबखर्च से पैसे बचा-बचाकर गुल्लक में डाल रहा था और उस पैसे से अपने जन्मदिन पर ट्यूशन जाने के लिए साइकिल खरीदने की सोचा था, पर नियति को कुछ और ही मंजूर था। नेपाल में आए भूकंप पीड़ितों के बच्चों की पढ़ाई की चिंता के साथ पुष्कर ने गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के समाधि स्थल पर रखे नेपाल राहत घट में अपनी गुल्लक डाल दी।
पुष्कर ने आईएएनएस ने कहा, “पिछले दो साल से गुल्लक में पैसा एकट्ठा कर रहा था और इस पैसे से ट्यूशन जाने के लिए साइकिल खरीदना चाहता था, मगर नेपाल में भूकंप की तस्वीरें टीवी पर देखने के बाद मेरा मन बदल गया। मैंने अपना गुल्लक वहां के बच्चों के लिए दे दिया।”
पुष्कर ने अपने साथियों को भी नेपाल राहत घट में पैसे डालने के लिए प्रेरित किया है।
गायत्री परिवार की प्रमुख शैल दीदी के अनुसार, जिस भाव से बच्चों ने आपदा राहत घट में अपना गुल्लक दिया है, उससे बड़ों को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन बच्चों से मिले रुपये नेपाल भेजे जाएंगे और वहां के अधिकारियों को हरिद्वार के बच्चों की भावना से अवगत कराया जाएगा। साथ ही आग्रह किया जाएगा कि ये पैसे पीड़ितों के बच्चों की पढ़ाई में खर्च किया जाए।