चंडीगढ़, 2 मई (आईएएनएस)। पंजाब के मोगा शहर में छेड़छाड़ का विरोध करने पर दलित किशोरी को बस से फेंकने और उसके कारण हुई उसकी मौत के मामले में शनिवार को भी विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी रहा। इस बीच परिवार वालों ने कहा कि जब तक उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता किशोरी का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा।
यह बस सुखबीर सिंह बादल के परिवार की कंपनी की है। किशोरी से पहले छेड़छाड़ की गई और इसका विरोध करने पर उसे चलती बस से फेंक दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार के लोगों से पोस्टमार्टम कराने और शव का अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया, लेकिन परिजनों की मांग है कि बादल के साथ आर्बिट एविएशन कंपनी के लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने संगरूर से सांसद भगवंत मान के नेतृत्व में शनिवार को आर्बिट कंपनी द्वारा संचालित मर्सिडीज बेंज बस को रोक दिया।
इस बीच मोगा, बघापुरना में प्रदर्शन जारी है। लोगों की मांग है कि किशोरी की मौत मामले में सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
मोगा में 13 वर्षीय अर्शदीप के साथ छेड़छाड़ के बाद उसे बस से बाहर फेंक दिया गया था, जिसमें उसकी मौत हो गई। उसकी मां को भी मनचलों ने छेड़छाड़ का विरोध करने पर तेज रफ्तार बस से बाहर फेंक दिया था।
पीड़िता की 36 वर्षीय मां शिंदर कौर एक अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें गंभीर चोटें आई हैं।
घटना ऑर्बिट एविएशन कंपनी की बस में हुई। इस कंपनी का स्वामित्व सुखबीर बादल और उनकी पत्नी और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल के पास है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने गुरुवार को मांग की थी कि बस के मालिक सुखबीर सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
अस्पताल में उपचार करा रहीं शिंदर कौर ने मीडिया को बताया कि उन्होंने बस चालक से छेड़खानी की शिकायत की थी, लेकिन उसने उनका मजाक उड़ाया और बस की रफ्तार अचानक तेज कर दी। उन्होंने कहा कि बस में किसी ने भी उनकी सहायता नहीं की और आरोप लगाया कि छेड़खानी करने वालों ने उन्हें बस से धक्का देकर बाहर फेंक दिया।
14 वर्षीय एक लड़के सहित तीन लोगों का यह परिवार बुधवार को मोगा कस्बे से बाघापुराना कस्बा जाने के लिए बस पर सवार हुआ था। दोनों कस्बों के बीच की दूरी 20 किलोमीटर है। मां और बेटी के साथ बस में कुछ समय बाद ही छेड़खानी किया जाने लगा।