नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने गुरुवार को ‘ई-मार्केटिंग’ की महत्वपूर्ण भूमिका तथा कृषि ‘ई-मंडी’ के लिए अवसंरचना विकास पर जोर दिया।
उन्होंने राज्यों से एकीकृत कृषि बाजार के बारे में सोचने का आग्रह किया ताकि किसान अपने उत्पादों को एक ही स्थान पर बेच सकें। इससे राष्ट्रीय एकीकृत कृषि बाजार की धारणा को सफल बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ‘ई-मंडी’ एक सॉफ्टवेयर होगा जिसमें किसान अपने उत्पादों से संबंधित डाटा डाल सकते हैं।
सिंह नई दिल्ली में अपने मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि ई-मार्केटिंग से एक बाजार बनेगा और इसके बारे में किसानों को शिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि बाजार बिचौलियों के बिना किसानों तथा उपभोक्ताओं के बीच सीधा संपर्क को बढ़ावा देगा और इससे कारगर तरीके से उपभोक्ता सूचना का प्रसार हो सकेगा।
सिंह ने बताया कि ‘ई-मंडी’ के लिए पूरे राज्य में किसानों के लिए एक मंडी लाइसेंस होगा और उसे पूरे राज्य में एकीकृत मंडी में अपने उत्पाद बेचने की छूट होगी।
विचार-विमर्श में भाग लेते हुए शंकरभाई एन. वेगड़ ने ‘ई-मंडी’ के बारे में किसानों में जागरूकता लाने का सुझाव दिया। सांसद मनशंकर नीनामा ने ‘ई-मंडी’ की भूमिका तथा राज्यों की जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता का सुझाव दिया।
इस अवसर पर कृषि राज्यमंत्री डॉ. संजीव कुमार बाल्यान तथा मोहनजीभाई कल्याणजीभाई कंडुरिया भी उपस्थित थे।
संसदीय समिति की बैठक में भाग लेने वाले सांसद हैं – मणिशंकर रोडमल नागर, कुमारी शोभा करंडलाजे, सुमेधानंद सरस्वती, कमला देवी पाटले तथा शंकरभाई एन. वेगड़।
इस अवसर पर कृषि तथा सहकारिता विभाग के सचिव और पशुपालन, डेयरी तथा मछली पालन विभाग के सचिव और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।