पटना, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार से नेपाल जा रही राहत सामग्री में अब मोमबती और मॉर्टिन क्वॉयल को भी शामिल किया गया है। बिहार से नेपाल में फंसे लोगों को लाने के लिए गुरुवार को 41 बस रवाना किए गए। इससे पूर्व बिहार से 55 बस भेजे गए हैं। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों से 80 हजार से ज्यादा खाने के पैकेट भेजे गए। इसी के साथ नेपाल में बिजली व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए 13 ट्रकों से विद्युत उपकण भी नेपाल भेजे गए हैं।
राज्य के जल संसाधन मंत्री और पूर्वी चंपारण जिले के प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को बताया कि बुधवार की रात तक करीब 3,000 लोग बिहार लाए गए। उन्होंने बताया कि रक्सौल में तीन राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें आने वाले भूकंप पीड़ितों का निबंधन कराकर चिकित्सीय सहायता, नि:शुल्क भोजन कराकर गंतव्य तक रवाना किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भूकंप के बाद नेपाल में बिगड़ी बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए भी बिहार मदद देगा। इसके तहत राज्य पावर होल्डिंग कंपनी द्वारा 13 ट्रक विद्युत सामग्री भेजी जा रही है। इसमें विद्युत ट्रांसफार्मर, केबल सहित अन्य उपकरण हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ब्यास जी ने बताया कि गुरुवार को बिहार से राहत सामग्री की सबसे बड़ी खेप नेपाल भेजी गई है। उन्होंने बताया, “नेपाल में फंसे लोगों को लाने के लिए गुरुवार को 41 बस रवाना किए गए हैं। इससे पूर्व बिहार से 55 बस भेजे गए हैं।”
आपदा प्रबंधन विभाग नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, गुरुवार को राज्य से 89 हजार खाने के पैकेट नेपाल भेजे गए हैं। पटना से जहां 20,000 खाने के पैकेट भेजे गए वहीं पश्चिम चंपारण से 10 हजार, पूर्वी चंपाारण से 20 हजार, सीतामढ़ी से 39 हजार खाने के पैकेट भेजे गए।
इसके अलावा पटना से 1500 कंबल, 8400 पानी की बोतलें, 25 टेंट और 250 कार्टून बिस्किट के पैकेट जबकि दरभंगा से 500 साड़ी, 500 कंबल, 5000 बिस्किट, 300 पॉलिथीन शीट नेपाल भेजे गए।
बेगूसराय से 7,920 मोमबत्ती और 10 हजार मॉर्टिन क्वॉॅयल के अलावे 6,000 पानी के बोतल, 20 हजार बिस्किट के पैकेट और 600 चादर भूकंप पीड़ितों को भेजे गए हैं।
रक्सौल से तीन ट्रक राहत सामग्री नेपाल भेजी गई है जिसमें चूड़ा, कंबल, साड़ी, धोती, दूध पाउडर, नमक सहित कई अन्य सामग्री शामिल है।