भोपाल, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। अखिल विश्व गायत्री परिवार के निदेशक डॉ. प्रणव पाण्ड्या ने कहा है कि तकनीक ने आदमी को आदमी नहीं रहने दिया है, वह मशीन बन गया है, अब तो वह स्मार्ट फोन के इर्द-गिर्द ही सिमट कर रह गया है।
मध्य प्रदेश की आध्यात्मिक और धार्मिक नगरी उज्जैन में अगले वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ महाकुम्भ से पहले वैचारिक महाकुंभ का सिलसिला चल रहा है। उसी क्रम में राजधानी भोपाल में ‘मूल्य आधारित जीवन’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय परिसंवाद के समापन सत्र में रविवार को डॉ. पाण्ड्या ने समाज के बदलते मूल्यों पर चिंता जताई।
उन्होंने आगे कहा कि आदमी के जीवन में मूल्य सबसे अहम हैं, मूल्य के बिना जीवन कुछ भी नहीं है। बाकी तो यह शरीर कार्बनिक तत्वों का समूह मात्र है, जिसकी कीमत कुछ पैसों से बढ़कर रुपये की हो गई है।
उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी का बोलबाला है। आज परिस्थितियां विपरीत हैं, इसलिए व्यक्ति को अपना मूल्य पहचानना होगा। सभी को अपने में सुधार करना चाहिए, तभी दुनिया में सुधार संभव है।
डॉ. पाण्ड्या ने समाज और परिवारों में बढ़ते विघटन पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई परिवार भी टूट रहे हैं, जिसके चलते अवसाद महामारी के तौर पर फैल रहा है, टूटते परिवारों और अवसाद को मूल्यों की स्थापना से ही बचाया जा सकता है।